मप्र पुलिस भर्ती में फर्जीवाड़ा, आधार कार्ड के हेरफेर से नियुक्ति के दौरान पकड़े जा रहे नए कांस्टेबल
मध्य प्रदेश की पुलिस आरक्षक भर्ती में आधार कार्ड के जरिए फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। कई नवआरक्षकों ने साल्वरों को परीक्षा में बैठाया और बाद में आधार अपडेट कर खुद जॉइनिंग की। दस्तावेज जांच, सीसीटीवी मिलान और गिरफ्तारियां जारी हैं। पूरे प्रदेश में अब व्यापक जांच शुरू हो गई है।
Publish Date: Sun, 01 Jun 2025 09:03:15 PM (IST)
Updated Date: Sun, 01 Jun 2025 09:03:15 PM (IST)
मध्यप्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा में धांधली। (फाइल फोटो)HighLights
- सॉल्वर को परीक्षा में बैठाया गया
- आधार में फोटो-फिंगरप्रिंट बदले गए
- शिवपुरी के छह नवआरक्षक लापता
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। मध्य प्रदेश की पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में एक चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा सामने आया है। ग्वालियर-चंबल अंचल के कई जिलों में अब तक 17 ऐसे नवआरक्षकों की पहचान हुई है, जिन्होंने अपने आधार कार्ड में फोटो और फिंगरप्रिंट सॉल्वरों के नाम से अपडेट कराए। परीक्षा में खुद के स्थान पर उन्हें बैठाया।
परीक्षा में पास होने के बाद इन अभ्यर्थियों ने फिर से आधार में अपनी असली पहचान अपडेट कर ली, जिससे भर्ती प्रक्रिया में धांधली कर चयन प्राप्त कर लिया।
पुलिस मुख्यालय की दस्तावेज जांच से हुआ खुलासा
यह फर्जीवाड़ा तब उजागर हुआ, जब पुलिस मुख्यालय ने दस्तावेजों की जांच में बार-बार आधार में बदलाव की प्रविष्टियां पकड़ीं। अधिकारियों को संदेह हुआ और गहराई से जांच की गई तो सामने आया कि परीक्षा के दौरान जिनके फिंगरप्रिंट और फोटो थे, वे अभ्यर्थी नहीं बल्कि सॉल्वर थे।
कोचिंग संचालक भी रडार पर
- श्योपुर और मुरैना में पकड़े गए नवआरक्षकों पर मुकदमा दर्ज कर कुछ को गिरफ्तार किया गया है। इनके अलावा सॉल्वर और उन आधार अपडेट करने वाले कियोस्क सेंटर संचालकों को भी गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने यह फर्जीवाड़ा अंजाम दिया।
- जांच में शिवपुरी का एक कोचिंग संचालक भी संदेह के घेरे में है, जिस पर सॉल्वरों की व्यवस्था कराने का आरोप है। पुलिस को आशंका है कि यह एक संगठित गिरोह का हिस्सा है और इसमें कई और लोगों की संलिप्तता हो सकती है।
फर्जीवाड़े के बाद कई नवआरक्षक लापता
- शिवपुरी में जिन छह नवआरक्षकों की पहचान फर्जी तरीके से चयनित होने के रूप में हुई है, वे सभी 18वीं बटालियन में कार्यरत थे। एफआईआर के बाद से सभी लापता हैं।
- मुरैना में 106 नवआरक्षकों को आमद देनी थी, लेकिन फर्जीवाड़े के सामने आने के बाद 22 नवआरक्षक अब तक रिपोर्टिंग के लिए नहीं पहुंचे हैं, जिससे उनकी भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है।
सीसीटीवी फुटेज से भी मिलान कर रही पुलिस
पुलिस मुख्यालय द्वारा परीक्षा कक्षों के उस समय के सीसीटीवी फुटेज का मिलान दस्तावेजों से किया जा रहा है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि लिखित परीक्षा में असल में कौन बैठा था। दस्तावेजों की बारीकी से जांच की जा रही है और संदेहास्पद मामलों में कार्रवाई की जा रही है।
दोषियों के खिलाफ करेंगे कठोर कार्रवाई
सीएसपी मुरैना दीपाली चंदौरिया ने बताया कि कई नवआरक्षकों ने सॉल्वरों के जरिए परीक्षा दी थी। इसके लिए उन्होंने आधार कार्ड में फिंगरप्रिंट और फोटो तक बदलवाए। अब तक सामने आए मामलों के आधार पर प्रदेशभर में नवआरक्षकों की जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।