राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल: फॉरेक्स (फॉरेन एक्सचेंज) ट्रेडिंग के नाम पर पांच राज्यों में हजारों लोगों से 2200 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी के आरोपियों ने लोगों को ठगने के दूसरे तरीके भी निकाले हैं। अभी तक पांच लोगों से डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से पांच करोड़ रुपये से अधिक की ठगी का पता चला है। आरोपी अधिकतर मामलों में क्रेडिट कार्ड बनवाने के बहाने लोगों को झांसे में लेकर ठगी करते थे।
मुख्य आरोपी उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद का रहने वाला लवीश चौधरी बताया जा रहा है। वह अभी दुबई में है। इस मामले की जांच कर रही मध्य प्रदेश एसटीएफ उसे पकड़ने के लिए लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) जारी कराने की मांग गृह मंत्रालय से करेगा।
अभी तक देश में 260 पीड़ित सामने आए हैं, जिनसे ठगी की गई है। इनमे अधिकतर उत्तर प्रदेश के हैं। मुख्य आरोपियों ने देशभर में सौ से अधिक एजेंटों के माध्यम से निवेश में प्रतिमाह आठ प्रतिशत तक ब्याज देने का झांसा दिया था। एआई के माध्यम से ट्रेडिंग दिखाई की गई कि किस तरह से निवेशकों की राशि बढ़ रही है। एजेंट बड़ी-बड़ी होटलों में निवेशकों के साथ बैठकें करते थे।
पकड़े न जाएं, इसलिए कंपनियों के नाम भी छह-छह माह में बदल लेते थे। एसटीएफ ने इंदौर के रहने वाले ईशान सलूजा की शिकायत पर प्रकरण पंजीबद्ध जांच शुरू की थी। इसमें दो एजेंट दीपक शर्मा और मदन मोहन कुमार को गिरफ्तार किया था। कुछ और आरोपियों की तलाश एसटीएफ को है। ठगों के बैंक खातों की अभी तक 150 करोड़ रुपये की राशि फ्रीज कराई जा चुकी है।