
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसी सप्ताह एक कार्यक्रम में प्रदेश में टेलीमेडिसिन सेवाओं को उपलब्धि बताया था, लेकिन हकीकत यह है कि 18 जिलों में 10 लोगों को भी प्रतिमाह टेलीमेडिसिन सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसमें इंदौर और ग्वालियर जैसे बड़े जिले भी शामिल हैं। पहले यह काम दो निजी कंपनियों के माध्यम से कराया जा रहा था।
कंपनियों का अनुबंध खत्म होने के बाद इसी साल स्वास्थ्य विभाग ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को पास के सरकारी मेडिकल कॉलेज से जोड़ दिया है, लेकिन हाल यह है कि लगभग 10 जिलों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से संबंधित मेडिकल कॉलेज को टेलीमेडिसिन का लाभ लेने के लिए एक भी कॉल नहीं की गई है। अब इन जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को नोटिस देने की तैयारी है।
उल्लेखनीय है कि विशेषज्ञ सेवा के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) के चिकित्सा अधिकारी द्वारा मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ को वीडियो कॉल कर मरीज के बारे में परामर्श ली जाती है। चिकित्सा से जुड़े दस्तावेज साझा किए जाते हैं। इसके लिए पीएचसी मे वीडियो कॉल के लिए पूरा सेटअप लगाया गया है। जरूरत पर उस रोगी को उसी मेडिकल कॉलेज में रेफर भी किया जाता है। प्रदेश में 19 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं, जिनसे सभी 55 जिलों को जोड़ा गया है।
देवास, दतिया, बुरहानपुर, बड़वानी, गुना, ग्वालियर, इंदौर और राजगढ़।
पन्ना, शिवपुरी, टीकमगढ़, कटनी, भिंड, मुरैना, अशोक नगर, छतरपुर, डिंडौरी और अनूपपुर।