नईदुनिया प्रतिनिधि, बैतूल। भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल राजनीति के दांव-पेंच में बेहद माहिर हैं। उन्हें बचपन से ही राजनीतिक माहौल मिला, जिससे वह संगठन क्षमता के धनी होने के साथ ही चुनाव मैनेजमेंट में भी माहिर बन गए। परदे के पीछे से पिता के लोकसभा चुनाव का संचालन करने वाले हेमंत खंडेलवाल की रणनीतिक जमावट ऐसी रही कि लगातार चार बार पिता की जीत में वह कुशल रणनीतिकार साबित हुए। हेमंत खंडेलवाल के पिता स्वर्गीय विजय खंडेलवाल बैतूल नगर पालिका के अध्यक्ष और भाजपा के जिलाध्यक्ष रहने के साथ ही चार बार बैतूल संसदीय क्षेत्र से सांसद रहे। भाजपा संगठन ने उन्हें प्रदेश का कोषाध्यक्ष भी बनाया था। उनके ताऊ स्वर्गीय जीडी खंडेलवाल 1967 में संविद सरकार में बिजली मंत्री रहे।
हेमंत खंडेलवाल बैतूल विधानसभा का पहला चुनाव अपने चाचा राजीव खंडेलवाल के खिलाफ लड़कर जीते थे। बात वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव की है, जब उनके चाचा राजीव खंडेलवाल भाजपा से टिकट की दावेदारी कर रहे थे। अंतिम समय में हेमंत को टिकट मिल गया था। इससे नाराज होकर राजीव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतर गए। इस चुनाव में हेमंत ने एकतरफा जीत हासिल की। दूसरे स्थान पर कांग्रेस के हेमंत वागद्रे रहे।
हेमंत खंडेलवाल अपने बड़े भाई मुकेश खंडेलवाल और माता के साथ संयुक्त परिवार में रहते हैं। इसी ताकत के बलबूते पर वे हर मोर्चे पर सफलता पा लेते हैं। हेमंत की एक बेटी सुरभि और बेटा वरद खंडेलवाल हैं। पत्नी रितु खंडेलवाल स्कूल और कोचिंग संस्थान का संचालन करती हैं, जबकि बेटा वरद उनका कारोबार संभाल रहा है। भाई मुकेश आटोमोबाइल्स के अलावा स्टोन क्रशर के संचालक हैं। हेमंत ने चिचोली विकासखंड के ग्राम महूपानी में भारती एग्रो क्लस्टर की स्थापना की है। इसमें वह एथेनाल का उत्पादन करने के साथ ही कोल्ड स्टोर, दूध, मक्का एवं अन्य उपज की खरीदी कर लोगों को रोजगार से जोड़ने का काम भी कर रहे हैं।