
भारत में होम लोन लेना लम्बे समय से मुश्किलों से भरा रहा है। खासतौर पर छोटे शहरों में खरीददारों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है जैसे बैंकों की कमी, मुश्किल पेपरवर्क, अप्रूवल मिलने में देरी और एजेंट की फीस।
ये सभी मुश्किलें खासतौर पर टियर 2 और टियर 3 शहरों में देखी जाती हैं, जहां अफॉर्डेबल हाउसिंग की मांग अधिक है, लेकिन लोन लेना मुश्किल है। एजेंट्स जैसे प्रॉपर्टी डीलर, फाइनैंशिल अडवाइज़र्स सीधे बैंकों के साथ नहीं जुड़ पाते, जिससे प्रक्रिया और मुश्किल हो जाती है। इसी तरह बिल्डर्स के लिए भी खरीददारों को बैंकों के साथ जोड़ना आसान नहीं होता।
इसी अंतर को दूर करने के लिए बेसिक होम लोन लेकर आए हैं बेसिक ब्रिगेड। यह इन्फ्लुएंसर्स जैसे प्रॉपर्टी डीलरों, सीए, फाइनैंशियल अडवाइज़र, गृहिणियों का समूह है, जो होम लोन के उपभोक्ताओं को बेसिक होम लोन के साथ जोड़ता है। बेसिक की टीम सभी ज़रूरी सहयोग प्रदान कर लोन के वितरण को आसान बनाती है।
‘बेसिक होम लोन में हम होम लोन को हर किसी के लिए आसान और अफॉर्डेबल बनाना चाहते हैं। डिजिटल इनोवेशन्स के साथ हम घर के खरीददारों, बिल्डरों और फाइनैंशियल एजेंट्स के अनुभव को पूरी तरह से बदल रहे हैं।’ अतुल मोंगा, संस्थापक एवं सीईओ, बेसिक होम लोन ने कहा।
बिहार में मुश्किलों को कर रहे हैं दूर
पटना में होम लोन रेफरल एजेंट सोनम कुमारी को कुछ इसी तरह की मुश्किलों से जूझना पड़ रहा था- उनके पास होम लोन की इन्क्वायरीज़ तो आती थीं, लेकिन बैंक के साथ कनेक्शन नहीं हो पाता था। अगर लोन लेने वाला उपभोक्ता मिल भी जाए, तो भी अप्रूवल मिलना मुश्किल होता था।
ऐसे ही एक उपभोक्ता था सिवान से मोहम्मद सलाउद्दीन। वे पहली बार घर खरीद रहे थे, उन्होंने इससे पहले कभी लोन नहीं लिया था। ऐसे में उनका लोन अप्रूव नहीं हो रहा था। सोनम जानती थी कि वे सही उपभोक्ता हैं लेकिन फिर भी उन्हें लोन दिलवाने में मदद नहीं कर पा रहीं थीं।
बेसिक के नेटवर्क का उपयोग कर मोहम्मद को एक बैंक के साथ जोड़ा गया, जो पहली बार लोन लेने वाले उपभोक्ताओं की मदद करता है। अब सोनम को लोन देने वाले कई बैंकों के साथ मिलने की ज़रूरत नहीं होती, बेसिक की इन-हाउस टीम पेपरवर्क से लेकर अप्रूवल तक सभी काम को आसान बना देती है।
कुछ ही सप्ताहों में मोहम्मद को रु 24 लाख का लोन मिल गया, वहीं सोनम को भी रेफरल कमीशन मिला। पूरी प्रक्रिया में कोई देरी या मुश्किल नहीं हुई।
‘इसी सोच के साथ हमने बेसिक ब्रिगेड का निर्माण किया है- ताकि सोनम जैसे एजेंट्स के पास आने वाली लीड्स को होम लोन के अप्रूवल में बदला जा सके। सिस्टम की खामियों की वजह से लोगों को लोन मिलने में परेशानी न हो।’ मोंगा ने कहा।
अपनी शुरूआत के बाद से बेसिक ब्रिगेड तेज़ी से विकसित हुआ है, इसके साथ देश भर से 16000 से अधिक एजेंट्स जुड़ चुके हैं। हर महीने यह रु 15000 करोड़ की होम लोन इन्क्वायरीज़ पर काम करता है और तकरीबन रु 700 करोड़ के लोन अप्रूवल करवा चुका है। 150 से अधिक बिल्डरों के साथ मिलकर यह हाउसिंग फाइनैंस सेक्टर में सकारात्मक बदलाव लाया है।
बेसिक ब्रिगेड की टेक्नोलॉजी
बेसिक होम लोन फिजिटल मॉडल पर काम करता है, जिसमें टेक्नोलॉजी और मनुष्य की विशेषज्ञता दोनों का उपयोग कर होम लोन की प्रक्रिया को आसान बनाया जाता है। यह प्रक्रिया लोन लेने वाले उपभोक्ता को सही ऋणदाता के साथ जोड़ती है।
रियल-टाईम लोन ट्रैकिंग के साथ एजेंट और लोन लेने वाले- दोनों ऐप्लीकेशन के स्टेटस पर निगरानी रख सकते हैं। इससे उन्हें बार-बार फॉलो अप नहीं करना पड़ता और प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ती है। बेसिक ब्रिगेड का पेआउट सिस्टम तय करता है कि एजेंट को समय पर सही कमीशन मिले। कुल मिलाकर यह सिस्टम की सभी मुश्किलों को आसान बना देता है।
एजेंट्स को ध्यान में रखते हुए बेसिक होम लोन मोबाइल अनुकूल प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराता है, जिसके ज़रिए लीड्स, रेफरल्स और कमाई पर निगरानी रखना आसान हो जाता है।
‘हमारी सेवाएं सिर्फ लोन तक ही सीमित नहीं हैं। हम टेक्नोलॉजी के द्वारा पूरी प्रक्रिया को बेहतर बनाना चाहते हैं। महानगर हों या छोटे शहर- हम चाहते हैं कि घर खरीदने वाला हर व्यक्ति बिना किसी मुश्किल के आसानी से लोन ले सके।’ मोंगा ने कहा।