Hospital Fire News: भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। राजधानी में राजधानी में ताजुल मसाजिद के सामने स्थित एबीएम अस्पताल में शनिवार शाम जनरेटर की बैट्री में आग लग गई। आग केबल तक पहुंचने से अस्पताल में इतना धुआं भर गया कि ऊपरी मंजिलों पर बने वार्डों में भर्ती मरीजों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी। कुछ मरीज भागने लगे। हालांकि, अस्पताल के कर्मचारियों ने 15 मिनट के भीतर अस्पताल के रखे अग्निशमन यंत्रों से आग बुझा ली। घटना के वक्त अस्पताल में 40 मरीज भर्ती थे। अस्पताल प्रबंधन की सबसे बड़ी लापरवाही यह रही कि जनरेटर को खुले में रखने की जगह बेसमेंट में रखा गया था। बेसमेंट से बाहर निकलने के लिए कोई आपातकालीन द्वार भी नहीं था। वार्डों में क्रास वेंटिलेशन नहीं था।
अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि धुआं बाहर निकालने के लिए ऊपर मंजिल की खिड़कियों के बाहर की तरफ के कांच तोड़े गए। करीब 15 मिनट बाद फायर ब्रिगेड पहुंची। बड़ी संख्या में पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारी भी पहुंच गए। धुआं पूरी तरह निकलने तक अस्पताल में अफरा-तफरी मची रही। दरअसल, आधारतल समेत चार मंजिला अस्पताल भवन में सबसे सबसे नीचे जनरेटर रखा था। जनरेटर की बैट्री फटने से आग लग लग गई। अस्पताल की पहली मंजिल पर धुआं भरने लगा तो कर्मचारियों को जानकारी मिली और बालू और अग्निशमन यंत्र से आग बुझाना शुरू किया।
आक्सीजन टैंक तक आग पहुंचती, तो रोकना मुश्किल हो जाता
जहां पर जनरेटर रखा वहां पर कुछ दूर में तरल ऑक्सीजन का टैंक भी लगा हुआ है। आग बढ़ने पर टैंक तक पहुंचती तो काबू करना मुश्किल हो जाता क्योंकि ऑक्सीजन पाकर आग और भड़क जाती है।
फोम के जरिए तत्काल आग बुझा दी गई थी। कोई बड़ी घटना नहीं थी, लेकिन धुंआ फैलने से लोगों दहशत का माहौल था। अस्पताल प्रबंधन ने तत्काल मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करवा दिया था।
- रामेश्वर नील, फायर अधिकारी, नगर निगम
जहां जनरेटर रखा था वहां ऊपर की मंजिलों में भी कोई मरीज भर्ती नहीं था। वहां पर प्रशासनिक ब्लाक और कैथ लैब है। इसी भवन से जुड़े दूसरे ब्लाक में 40 मरीज भर्ती थे। वहां हल्का धुआं पहुंचा था। उन्हें कोई दिक्कत नहीं हुई है। न ही शिफ्ट करना पड़ा है। कांच तोड़ने से धुआं निकल गया था।
-डॉ. अकील खान, संचालक, एबीएम अस्पताल