IAS अधिकारी कर रहे जातिगत टिप्पणियां, CM असभ्य बयानबाजी पर लगाएं रोक, मंत्रालय कर्मचारी संघ ने लिखा पत्र
मध्य प्रदेश में कुछ आईएएस अधिकारियों द्वारा आचरण नियमों के खिलाफ दिए जा रहे बयानों पर मंत्रालय अधिकारी कर्मचारी संघ ने आपत्ति जताई है। संघ ने मुख्यमंत ...और पढ़ें
Publish Date: Sun, 28 Dec 2025 08:21:44 AM (IST)Updated Date: Sun, 28 Dec 2025 08:21:44 AM (IST)
मंत्रालय कर्मचारी संघ ने गिनाए अनुशासनहीनता के उदाहरण। (फाइल फोटो)HighLights
- आचरण नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई की मुख्यमंत्री से मांग
- उच्चस्तरीय बैठकों में अनुशासनहीनता के उदाहरण गिनाए
- जातिगत टिप्पणियों से जनता में असुरक्षा और आक्रोश
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। मध्य प्रदेश काडर के आइएएस अधिकारी आचरण नियमों के विपरीत जाकर बयानबाजी कर रहे हैं। इससे सामाजिक वातावरण भी बिगड़ रहा है। आइएएस अधिकारियों की असभ्य बयानबाजी पर रोक लगाकर समुचित कार्रवाई करने की मांग को लेकर मंत्रालय अधिकारी कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव से मांग की है। इस संबंध में संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक ने मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग जैन तथा सचिव कार्मिक को अभ्यावेदन दिया गया।
नायक ने कहा कि बीते कुछ माह से मध्य प्रदेश काडर के आइएएस अधिकारियों द्वारा आचरण नियमों के विपरीत जाकर लगातार असंवैधानिक बयानबाजी की जा रही है, जिससे प्रदेश की जनता में असुरक्षा, भय, भ्रम तथा अविश्वास का वातावरण बन रहा है।
उदाहरण देकर की कार्रवाई की मांग
- नायक ने दिए अभ्यावेदन में कुछ घटनाएं उदाहरण देते हुए बताया कि पदोन्नति नियम 2025 के क्रियान्वयन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित एवं उच्च स्तरीय शासकीय बैठक में तत्कालीन अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया आरक्षण को बढ़ाने की मांग करने लगे। मीटिंग में मौजूद दो अन्य वरिष्ठ आइएएस अधिकारियों ने उनका समर्थन कर दिया, जबकि कैबिनेट का फैसला हो जाने के बाद उस पर सरकारी मीटिंग में प्रश्न उठाना अनुशासनहीनता के दायरे में आता है।
- 23 नवंबर को अजाक्स कर्मचारी संगठन के सम्मेलन में बोलते हुए आइएएस अधिकारी संतोष वर्मा ने कहा कि जब तक कोई ब्राह्मण उनके बेटे को अपनी बेटी दान में नहीं देता या उससे संबंध नहीं बनवाता, तब तक क्रीमी लेयर लागू नहीं हो सकती। इससे पूरे देश में ब्राह्मण समाज के आंदोलन शुरू हो गए।
इसी सम्मेलन में ही आइएएस अधिकारी मीनाक्षी सिंह ने कहा कि जातिवादी होना और जातिवादी मानसिकता रखना आज के वक्त की मांग है और हमें जातिवादी होना चाहिए। उन्होंने आइएएस आचरण नियमों के तहत समुचित कार्रवाई की कार्रवाई की मांग की है।