.webp)
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान भोपाल ने कृषि विभाग के विद्यार्थियों को व्यवहारिक, आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह पहल उच्च शिक्षा मंत्री इन्दर सिंह परमार के स्पष्ट निर्देशों और उच्च शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुपम राजन के मार्गदर्शन के अनुरूप, संचालक (आइईएचई) डॉ. प्रज्ञेश कुमार अग्रवाल के नेतृत्व में पूरी की गई है।
आइईएचई ने कृषि छात्रों को खेतों से जोड़ने के लिए दो प्रस्ताव मंगाए और उनका ध्यान से परीक्षण किया। इसमें यह देखा गया कि खेत पर कौन-कौन सी फसलें हैं, सिंचाई की क्या सुविधा है, जगह सुरक्षित है या नहीं, दूरी कितनी है और प्रशिक्षण देने के लिए जगह कितनी उपयुक्त है।
झागरिया कला के रोहन मुद्गल की जमीन चुनी गई जांच में झागरिया कला गांव के किसान रोहन मुद्गल की जमीन सबसे सही पाई गई। उनके पास 22 एकड़ खेती योग्य जमीन और 50 एकड़ अतिरिक्त कृषि क्षेत्र है। बाद में यह पता चला कि यहां आधुनिक सिंचाई सुविधा, कई तरह की फसलें और आइईएचई से सिर्फ 19 किमी दूरी होने के कारण यह जगह छात्रों के लिए बहुत अच्छी है।
कृषि विभागाध्यक्ष डॉ. अजय कुमार भारद्वाज के सहयोग से IEHE ने रोहन मुद्गल के साथ तीन साल के लिए समझौता किया है। अब छात्र यहां आधुनिक खेती, सिंचाई तरीके, फसल प्रबंधन और नई तकनीक के बारे में जमीन पर उतरकर सीख सकेंगे।
संस्थान ने बताया कि यह नई व्यवस्था अगले सत्र से शुरू कर दी जाएगी। इससे कृषि पढ़ रहे छात्रों को असली खेती का अनुभव मिलेगा और उनकी पढ़ाई और भी मजबूत होगी।