
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश के कई थानों में थाना प्रभारी स्थानांतरित होने के बाद बिना प्रभार सौंपे चले जाते हैं। इसकी बड़ी वजह थाने के मालखाने में रखी जब्त सामग्री के हिसाब में गोलमाल भी रहता है। दो माह पहले बालाघाट के कोतवाली थाने में मालखाना प्रभारी राजीव पंद्रे ने 55 लाख रुपये गायब कर दिए। उसे गिरफ्तार कर पूछताछ की गई तो पता चला कि वह जुआ में यह राशि हार गया था।
पुलिस ने यह रकम जब्त कर ली। घटना की जांच में यह भी सामने आया कि यहां पूर्व के थाना प्रभारी ने प्रभार ही नहीं सौंपा था। अन्य जिलों के थानों में भी इसी तरह के मामलों की जानकारी मिली। इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने अब सभी पुलिस अधीक्षकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि प्रभार नहीं दिया तो थाने के मालखाने के भंडार में किसी चीज की कमी मिलने पर प्रभार नहीं देने वाला थाना प्रभारी जिम्मेदार माना जाएगा। उसके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।
उसके बाद उस क्षेत्र एसडीओपी या सीएसपी और एडिशनल एसपी को भी जिम्मेदार माना जाएगा। यानी, अब उनकी भी जिम्मेदारी यह देखने की रहेगी कि थाना प्रभारी ने प्रभार सौंपा है या नहीं। पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने कहा कि ज्वाइन करने वाले नए थाना प्रभारी की भी यह जिम्मेदारी है कि प्रभार ले, पर ज्यादा गलती जाने वाली की है। इससे यह साफ रहेगा मालखाने में क्या-क्या सामग्री या नकदी रखी है।
हिसाब में कोई गड़बड़ी तो नहीं है। विशेष पुलिस महानिदेशक सीआईडी पवन श्रीवास्तव ने बताया कि सभी जोनल आईजी, पुलिस आयुक्त और एसपी को निर्देश जारी कर इसका कड़ाई से पालन कराने के लिए कहा गया है।