मप्र में गोवंश का अवैध परिवहन करने में जब्त वाहन छोड़ने का अधिकार अब कलेक्टर को
मध्य प्रदेश सरकार ने गुरुवार को अधिसूचना जारी कर मध्य प्रदेश गोवंश वध प्रतिषेध नियम-2012 में परिवर्तन किया है। इसमें गोवंश को ले जाने वाले वाहनों को जब्त करने की प्रक्रिया निर्धारित कर दी है।नए नियम के तहत पुलिस ऐसे वाहन को जब्त करेगी, लेकिन वाहन मालिक को सौंपने या जब्त रखने का निर्णय कलेक्टर की अनुमति से ही हो पाएगा।
Publish Date: Fri, 22 Nov 2024 10:31:09 PM (IST)
Updated Date: Fri, 22 Nov 2024 10:48:35 PM (IST)
गोवंश तस्करी पर रोकथाम के लिए मप्र सरकार बना रही है नए नियम।HighLights
- मध्य प्रदेश गोवंश प्रतिषेध नियम-2012 में बदलाव।
- पशु चिकित्सा विभाग को पुलिस को देना होगी सूचना।
- दोषी पाए जाने पर 7 साल की सजा का प्रावधान होगा।
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश में गोवंश की तस्करी और उनके वध जैसी घटनाओं पर सख्ती के लिए राज्य सरकार ने नियम-प्रावधानों को और कड़ा कर दिया है। अब गोवंश के अवैध परिवहन में लगे वाहनों को पुलिस जब्त करेगी और उन्हें छोड़ने या जब्त रखने पर निर्णय कलेक्टर करेंगे।
संबंधित कलेक्टर की कार्रवाई से पहले आरोपित कोर्ट से वाहन की सुपुर्दगी भी नहीं ले सकेंगे। अब तक कोर्ट जब्त किए वाहनों को सामान्य मामलों की तरह ही आसानी से मालिकों को सौंप देती थी, इससे गोवंश तस्करी जैसे गंभीर प्रकरणों में प्रभावी कार्रवाई और सजा नहीं हो पाती थी।
अब ऐसा नहीं हो पाएगा। इसके लिए कलेक्टर ऐसे अपराध के विचारण की अधिकारिता रखने वाले कोर्ट को एक निर्धारित प्रारूप में सूचना भी देंगे। वाहन पकड़े जाने के साथ ही पुलिस को गोवंश को अभिरक्षा में लिए जाने की सूचना पशु चिकित्सा विभाग को भी देनी होगी ताकि उनकी देखभाल सुनिश्चित हो सके।
नियमों का उल्लंघन करते पकड़े गए वाहनों को जब्त करने की कार्रवाई के साथ ही दोषी पाए जाने पर आरोपितों को अधिकतम सात वर्ष की सजा का प्रावधान भी रहेगा। अभी तक वाहन को छोड़ने का निर्णय संबंधित कोर्ट करती थी।
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गोरक्षा नीति भी बनाएगी प्रदेश सरकार
- गोरक्षा के लिए राज्य सरकार विशेष नीति भी बनाने जा रही है। इसमें गाय खरीदने के लिए 90 प्रतिशत राशि देने का प्रविधान किया जाएगा। गोबर से सीएनजी बनाई जाएगी।
- इसके लिए सरकार का संबंधित विभाग गोबर खरीदेगा। अधूरी गोशालाओं का निर्माण कार्य तेजी से पूरा किया जाएगा। गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम किया जाएगा।
- गोशालाओं में बनने वाले उत्पाद खरीदने की नीति बनाई जाएगी। गो विहार के लिए अलग से स्थान आरक्षित किया जाएगा। भूसे की खरीदी राशि भी बढ़ाई जाएगी।
- घर में गाय पालने को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। बड़ी गोशालाएं विकसित की जाएंगी। गोशालाओं की भूमि अतिक्रमण से मुक्त कराई जाएगी।
- हर जिले में अपर कलेक्टर स्तर का एक अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। वह सिर्फ गोशालाओं से संबंधित समस्याएं सुनेगा और निराकरण करेगा।