राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। भोपाल स्थित विभागाध्यक्ष कार्यालय विंध्याचल और सतपुड़ा भवन का नवीनीकरण होगा। इनके स्थान पर नए भवन बनाने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को लोक निर्माण विभाग की समीक्षा में यह कहकर लौटा दिया कि दोनों भवनों को संरक्षित करते हुए वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप भवनों के निर्माण के उद्देश्य से समग्रता में योजना तैयार की जाए।
उन्होंने कहा कि अरेरा हिल्स शहर के बीचों-बीच है। इसे प्रशासनिक जोन बनाया जाए। मेट्रो परियोजना क्षेत्र के व्यावसायिक उपयोग के बारे में विचार करें। इंदौर की ईस्टर्न बाईपास परियोजना का क्रियान्वयन क्षेत्रीय निवासियों को विश्वास में लेकर किया जाए। बैठक में लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह भी उपस्थित थे।
बैठक में लोक निर्माण विभाग की परियोजनाओं को लेकर समीक्षा की गई। इसमें विभागाध्यक्ष कार्यालय विंध्याचल और सतपुड़ा भवन के स्थान पर नए भवन की बात भी आई। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्हें संरक्षित करते हुए नवीनीकरण किया जाए।
उल्लेखनीय है कि सतपुड़ा भवन में दो बार आग लग चुकी है। इससे भवन को हुई क्षति की जांच कराई गई थी। इसके बाद इसके नवीनीकरण का प्रस्ताव कैबिनेट ने 167 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी भी दी जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि अरेरा हिल्स शहर के बीचों-बीच है। इसे प्रशासनिक जोन में परिवर्तित किया जाए। सभी कार्यालय यहां हों और सतपुड़ा भवन से लगी हुई झुग्गियों को हटाकर रहवासियों को अन्यत्र स्थानांतरित करने पर विचार करने की बात कही।
मेट्रो परियोजना के कारण पूरे क्षेत्र का विकास दीर्घकालीन कार्ययोजना बनाकर किया जाए। साथ ही क्षेत्र के व्यावसायिक उपयोग के बारे में भी सोचें क्योंकि मेट्रो परियोजना से परिदृश्य बदल गया है। मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि हम मेट्रो की अवधारणा पर काम कर रहे हैं।
मेट्रो ट्रेन से मंत्रालय सहित अन्य कार्यालय जुड़ेंगे। कर्मचारियों और आम नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कार्यस्थलों तक वाक टू वर्क की सुविधा सुनिश्चित करते हुए क्षेत्र की अधोसंरचना विकसित की जाए।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि सात अगस्त से छह सितंबर तक प्रदेश में 35 हजार 995 किलोमीटर सड़कों पर मरम्मत की गई। सड़कों के क्षतिग्रस्त होने और गड्ढे पाए जाने पर 15 कार्यपालन यंत्रियों को कारण बताओ नोटिस दिए गए तो 156 ठेकेदारों को नोटिस देकर जवाब मांगा गया। नौ ठेकेदारों की 73 लाख 30 हजार रुपये की राशि राजसात कर उनका पंजीयन ब्लैक लिस्ट किया गया है।
मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम ने तीन मार्गों पर निवेशकर्ताओं से टोल अधिकार वापस लिए और ठेकेदारों पर एक करोड़ 30 लाख रुपये से अधिक का दंड लगाया। निगम ने 17 ठेकेदारों और छह अधिकारियों को मार्ग के उचित रखरखाव न करने के कारण कारण बताओ नोटिस दिया। साथ ही अब 21 जिलों में चयनित 41 डामरीकृत सड़कों पर व्हाइट टापिंग का पायलट प्रोजेक्ट लिया जा रहा है।