नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। अनंत चतुर्दशी के पावन अवसर पर इस वर्ष शहरवासियों को विशेष झांकियों का भव्य दर्शन होगा। इस बार झाकियों में महिला सशक्तीकरण और धार्मिक आस्था की झलक मिलेगी। झांकियों में लोकमाता देवी अहिल्याबाई का प्रेरक जीवन दर्शन, मां सावित्री का अपने पति को यमराज से पुनर्जीवित करने का साहसिक संघर्ष, राधा और मीरा की भक्ति और प्रेम जैसे प्रसंग विशेष आकर्षण का केंद्र रहेंगे।
इन झांकियों की खासियत यह होगी कि इनमें विभिन्न देवियों से जुड़े प्रसंगों को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। साथ ही, रामायण और महाभारत के अध्यात्म से भरे प्रसंग भी प्रदर्शित होंगे। शहर की अलग-अलग मिलों में इन झांकियों का निर्माण कार्य दिन-रात चल रहा है और कारीगर इन्हें आकर्षक व अद्भुत बनाने में जुटे हैं। धार्मिक आस्था और कला के संगम से सजी ये झांकियां भक्तों को अध्यात्म और संस्कृति का अद्भुत अनुभव कराएंगी।
स्वदेशी मिल द्वारा तीन झांकियां बनाई गई हैं। इनमें से एक झांकी में लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर के जीवन दर्शन को भी दर्शाया गया है। इसके साथ ही उनकी शिक्षा को भी शामिल किया गया है। स्वदेशी मिल गणेशोत्सव समिति के अध्यक्ष कन्हैयालाल मरमट और सचिव चंपालाल वर्मा ने बताया कि देवी अहिल्या के 300वें जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में उनके जीवन को दर्शाती झांकी को शामिल किया जाएगा। इसका निर्माण कार्य किया जा रहा है। रोजाना 15 से 20 कारीगर झांकी निर्माण में जुटे हुए हैं।
मालवा मिल की झांकी में मां सावित्री का पति की प्राणों की रक्षा के लिए यमराज के साथ किया संघर्ष दिखाया गया है। मां सावित्री के पति की अल्पायु में यमराज ने प्राण हर लिए थे, तब मां सावित्री ने उनका यमलोक तक पीछा किया। यहां उनके तर्क, भक्ति और ज्ञान से प्रभावित होकर उनके प्राण वापस कर दिए थे। तभी से वट सावित्री व्रत भी रखा जाने लगा। झांकी में इस प्रसंग को दर्शाया गया है। मालवा मिल गणेशोत्सव समिति के अध्यक्ष कैलाश कुशवाह के अनुसार, झांकी में आकर्षक विद्युत सज्जा की जा रही है।
हुकुमचंद मिल की झांकी में राधा और मीरा का श्रीकृष्ण के प्रति अटूट प्रेम देखने को मिलेगा। इसमें राधा और मीरा को श्री कृष्ण की प्रेमिका के रूप में चित्रित किया गया है। इसमें बताया गया कि किस प्रकार राधा ने श्रीकृष्ण के साथ वृंदावन में समय बिताया। वहीं, मीरा ने किस प्रकार राजकुमारी होकर भी सांसारिक जीवन त्यागकर कृष्णभक्ति का मार्ग चुना। हुकुमचंद मिल सार्वजनिक गणेशोत्सव समिति के प्रधानमंत्री नरेंद्र श्रीवंश के अनुसार, झांकी में करीब पांच हजार बल्ब लगाए गए हैं और मेटल लाइट का उपयोग किया गया है। इसके साथ नरकासुर वध से जुड़ी झांकी भी बनाई गई है, जिसमें श्रीकृष्ण ने 16 हजार महिलाओं को कैद से मुक्त करवाया था।
कल्याण मिल की झांकी में मां गंगा के प्रसंग को शामिल किया गया। इसमें मां पावर्ती पुत्र कार्तिकेय का जन्म मां गंगा की गोद में दिखाया गया है। इसके अनुसार, भगवान कार्तिकेय का जन्म भगवान शिव के छह चिंगारियों से हुआ था। ये चिंगारियां गंगा नदी में छह भुणों में परिवर्तित हुईं और उनमें से एक भुण में समाहित कर कार्तिकेय का जन्म हुआ। इस झांकी में पांच हजार बड़े बल्ब लगाए गए हैं और इसे अलग-अलग प्रकार की रोशनी से सुसज्जित किया गया है।
राजकुमार मिल द्वारा दो झांकियां बनाई गई हैं। इनमें से एक झांकी में मां सीता को दर्शाया गया है। इसमें उनका अशोक वाटिका के प्रसंग को शामिल किया गया है। राजकुमार मिल सार्वजनिक गणेशोत्सव समिति के अमृत वर्मा ने बताया कि झांकी में भगवान हनुमान को लंका दहन करते हुए भी दिखाया गया है। इसमें रंग-बिरंगे बल्ब द्वारा आकर्षक विद्युत सज्जा की गई है।