प्रणय चौहान, नईदुनिया इंदौर। देश में लगातार आठ बार स्वच्छता में नंबर वन आकर परचम लहराने वाले इंदौर की सूरत और सीरत बदहाल सड़कें खराब कर रही हैं। शहर के हर क्षेत्र में फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, सड़क निर्माण, मेट्रो रेल, ड्रेनेज लाइन, फाइबर लाइन, गैस कनेक्शन सहित विभिन्न निर्माण कार्यों के चलते खोदाई कार्य लगातार जारी है। जिन सड़कों पर खोदाई कार्य अब तक नहीं हुआ है, उन पर खोदाई की तैयारियां चालू हैं।
इसके कारण हर ओर की सड़कों के हाल बदहाल नजर आ रहे हैं। इंदौर अब गड्ढों और हिचकोले खाती सड़कों के लिए पहचाना जाने लगा है। निर्माणों के चलते मुख्य सड़क से लेकर सर्विस रोड पर वाहन चालकों के लिए चलना किसी जंग लड़ने से कम नहीं है। गड्ढों के कारण पिछले कुछ वर्षों में वाहन चालकों की मौत तक हो चुकी है। बावजूद इसके जिम्मेदार आंखें मूंदकर बैठे हैं। वर्षाकाल में सड़कों की हालत इतनी बदतर हो चुकी है कि यह तय करना मुश्किल हो गया है कि सड़क पर गड्ढे हैं या गड्ढों के बीच सड़क निकाल दी गई है।
बदहाल सड़कों और गड्ढों से पूरे शहर के लाखों वाहन चालक हैरान परेशान हैं। हर वर्षाकाल से पहले दावे किए जाते हैं कि सड़कें सुधार ली गई हैं और पैंचवर्क कर लिया गया है। शहरवासियों को हर बार वर्षाकाल से पहले आश्वासन दिया जाता है कि उन्हें इस साल गड्ढों वाली सड़कों से मुक्ति मिलेगी, लेकिन ऐसा होता नजर नहीं आता है। हर वर्ष 40 करोड़ रुपये गड्ढों में डालने के बावजूद हालत सुधर नहीं रहे हैं। शहर की शायद ही कोई सड़क होगी जो खोदी न पड़ी हो।
निगम के जिम्मेदार तर्क देते हैं कि विकास कार्यों के चलते सड़कें खोदी गई हैं, लेकिन फिर सवाल खड़ा होता है कि इस बात की निगरानी क्यों नहीं होती कि ठेकेदार एजेंसी रेस्टोरेशन का काम कर भी रही है या नहीं। विकास के नाम पर खोदी गई सड़कें महीनों तक खोदी हुई ही पड़ी रहती हैं। एडवोकेट राहुल पेठे के अनुसार क्षतिपूर्ति के लिए संबंधित एजेंसी नगर निगम, इंदौर विकास प्राधिकरण, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण सहित अन्य एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं। निर्माण एजेंसी पर केस दर्ज करावाने या हर्जाने के लिए परिवारवाद दायर कर सकते हैं।
14 सितंबर 2024 को एबी रोड पर एमआइजी क्षेत्र में एक स्कूटर बीआरटीएस के बड़े गड्ढे में जाने से असंतुलित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस पर सवार कुलकर्णी नगर निवासी शानू गौड़ (23) सिर के बल नीचे गिरने के बाद बुरी तरह घायल हो गई थीं। महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां वह कोमा में चली गई थीं। स्कूटर उनके पति रवि गौड़ चला रहे थे।
दो वर्षीय बेटे जियांश को लेकर डाक्टर के पास जा रही थीं। पुलिस ने रवि को ही लापरवाही पूर्वक वाहन चलाने के आरोप में मुलजिम बना दिया। बीआरटीएस पर हुए हादसे को लेकर पुलिस ने निगम अधिकारियों की लापरवाही की जांच की थी।
बारिश के कारण बने गड्ढों में हर साल हादसे होते हैं। तीन साल पूर्व भी रिंग रोड पर युवती की मौत हो चुकी है। भंवरकुआं थाना क्षेत्र में 26 सितंबर 2021 को पड़ियाल (धार) निवासी 21 वर्षीय छात्रा सरिता पुत्री गणेश रणदा की मौत हुई थी। बीएससी की छात्रा सरिता मुंहबोले भाई राहुल और सहेली सुजाता के साथ खंडवा नाका आ रही थी।
रिंग रोड (विशेष अस्पताल के पास) वर्षा का पानी भरा होने से स्कूटर का अगला पहिया उभरे गड्ढे में डूब गया और तीनों एक-दूसरे पर गिर गए। इस हादसे में सुजाता गंभीर घायल हुई थी, राहुल ने तुरंत निजी अस्पताल में भर्ती किया था। सिर में चोट आने के कारण सरिता बेहोश हो गई, लेकिन डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया था। पुलिस ने मर्ग कायम किया था। राहुल व सुजाता को भी चोटें आई थीं।