भोपाल। आज राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण दिवस है। 'जागो ग्राहक जागो' विज्ञापन देखकर उपभोक्ता तो जाग गए, लेकिन सरकार नहीं जाग रही। जिला उपभोक्ता फोरम में हर रोज 8 से 10 मामले रजिस्टर्ड हो रहे हैं। लेकिन फोरम नहीं लगने के कारण सुनवाई नहीं होती, जिससे केस पेंडिंग होते जा रहे हैं। इसके चलते उपभोक्ता बेवजह परेशान हो रहे हैं। जबकि फोरम में उपभोक्ता अधिकार संरक्षण के अंतर्गत 90 दिनों के अंदर मामले का निपटारा करने का प्रावधान है। दरअसल, प्रदेशभर में जिला उपभोक्ता फोरम में अध्यक्ष और सदस्य के पद खाली होने से बेंच नहीं लगाई जा रही हैं। हर रोज उपभोक्ता अपनी शिकायत लेकर आते तो हैं, लेकिन सुनवाई न होने के कारण लौट जाते हैं।
अध्यक्ष व सदस्य न होने के कारण सुनवाई बंद
प्रदेश भर के 48 जिला फोरम में अध्यक्ष व सदस्यों के पद खाली होने से हर दिन कई केस पेंडिंग में जा रहे हैं। प्रदेश भर के जिला उपभोक्ता फोरम में 16 हजार से ज्यादा केस पेंडिंग हैं।
केस-1
- आवेदन देकर लौट गए
गोविंदपुरा निवासी अजय यदुवंशी इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ शिकायत करने फोरम पहुंचे। उन्होंने एक मेडिकल इंश्योरेंस कराया था, लेकिन जब पैसों की रिकवरी के लिए अप्लाई किया तो उन्हें पैसे नहीं दिए गए। फोरम में वे शिकायत का आवेदन देकर लौट गए।
केस-2
- 28 हजार ले ली प्रोसेसिंग फीस
अशोका गार्डन निवासी आशा सोलंकी ने लोन लेने के लिए मई में आवास फाइनेंस लिमिटेड बैंक में अप्लाई किया था। उनसे लोन के लिए 1100 रुपए प्रोसेसिंग फीस मांगी गई थी। जब लोन मंजूर हुआ तो उन्हें 5 लाख 84 हजार रुपए सेंक्शन हुए। लेकिन उन्हें 5 लाख 56 हजार का ही चेक मिला। बैंक ने उनसे 28 हजार रुपए प्रोसेसिंग फीस ले ली। वे इसकी शिकायत लेकर फोरम पहुंची, लेकिन आवेदन देकर चली गई।
- अधिकार देने की मांग की है
उपभोक्ता आयोग ने शासन को पत्र लिखकर 48 जिला फोरम में अध्यक्षों की नियुक्ति नहीं होने तक सदस्यों को मामलों की सुनवाई के अधिकार देने की मांग की है।
हरेन्द्र सिंह, रजिस्ट्रार, राज्य उपभोक्ता आयोग
- दूसरे राज्य से लाएं
उपभोक्ता फोरम में 90 दिन तो छोड़िए तीन-चार साल तक न्याय नहीं मिल रहा है। अगर शासन को अपने प्रदेश में अध्यक्ष व सदस्य नहीं मिल रहे हैं तो दूसरे राज्य से लाना चाहिए।
शिव बंशकार, राष्ट्रीय अध्यक्ष, उपभोक्ता संरक्षण परिषद