भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। जमीअत उलमा द्वारा सोमवार को मशहूर शायर अल्लामा इक़बाल के जन्मदिन के मौके पर पर 9 नवंबर को जश्ने इक़बाल आयोजन किया गया। जिसको हर वर्ष उर्दू दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। जमीअत उलमा मध्यप्रदेश के प्रेस सचिव हाजी मोहम्मद इमरान ने बताया कि जमीअत उलमा द्वारा हमेशा महान लोगों को याद किया जाता रहा है, जिसकी कड़ी में आज जमीअत उलमा मध्यप्रदेश के अध्यक्ष हाजी मोहम्मद हारून साहब के मार्गदर्शन में आज मशहूर शायर अल्लामा इक़बाल के जन्म दिवस के मौके पर जश्ने इक़बाल उर्दू दिवस का आयोजन किया गया है। आयोजन में जन सेवा के कार्य कर मास्क वितरण कर ग़रीबो में भोजन वितरण कर एवं पौधा रोपण कार्यक्रम एवं अन्य कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर हाजी इमरान ने बताया कि आज का दिन को उर्दू दिवस के तौर पर भी मनाया जाता है जिसके लिए जमीअत उलमा द्वारा उर्दू ज़बान के फ़रोग़ के लिए आम जन में जागरूकता मुहिम की शुरुआत भी की गई। जिसमें जमीअत उलमा मध्यप्रदेश एवं मौलाना बरकतुल्लाह भोपाली एजुकेशनल सोसायटी की टीम हाजी मोहम्मद इमरान, मोहम्मद कलीम एडव्होकेट मुफ़्ती क़ाज़ी मोहम्मद राफे, मोहम्मद हनीफ़ अय्यूबी, मुजाहिद मोहम्मद खान, मोहम्मद यासिर आदि के माध्यम से बच्चों को उर्दू ज़बान सीखने पड़ने लिखने के लिए टीम की और से उर्दू ज़बान की प्रारंभिक पुस्तकें एवं किट वितरण की गई। इस मौके पर मोहम्मद कलीम एडव्होकेट ने कहा कि उर्दू भाषा के लिए प्रशासन से मांगो के साथ साथ अपने स्तर पर भी नई बच्चों को बुनियादी मेहनत की ज़रूरत है। जमीअत के द्वारा टीम द्वारा इस उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए बुनियादी मेहनतों को तवज्जो दी जा रही है। जमीअत की टीम ने ये पाया कि स्कूलों दुवारा उर्दू शिक्षा पर ध्यान नही दिया जा रहा जिसके लिए जागरूकता मुहिम की ज़रूरत है। बच्चों में उर्दू पड़ने और सीखने की चाहत तो है पर उचित मार्गदर्शन नही मिलने से ये बच्चे उर्दू की शिक्षा से दूर होते जा रहे हैं, जिंसके लिए ये मेहनत ज़रूरी है कि हम खुद भी जागरूकता दिखाए और बच्चों में उर्दू की शिक्षा हासिल करने के लिए प्रोसाहित करे। इस मौके पर हाजी मोहम्मद इमरान ने बताया कि भोपाल में अल्लमा इक़बाल की यादगार को भी संरक्षण की ज़रूरत है। जमीअत की टीम एक बार फिर मांग करती है कि अल्लमा इक़बाल की याद को बरक़रार रखने की पहल की जाए और भोपाल शहर के स्तिथ अल्लमा इक़बाल की यादगार शाहीन इक़बाल का संरक्षण किया जाए और अल्लमा इक़बाल की शयरी और परिचय को शाहीन इक़बाल में उकेरा जाए। जमीअत की टीम द्वारा इक़बाल मैदान के संरक्षण की पहल जारी है, ताकि अल्लमा इक़बाल की याद को बरक़रार रखा जा सके बच्चों में उर्दू की प्राम्भिक पुस्तकें मौलाना बरकतुल्लाह भोपाली एजुकेशन एंड सोशल सर्विस सोसायटी के सहयोग से वितरण की गई।