राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश की सियासत के विपरीत ध्रुव यदि साथ दिखाई दें तो अटकलों का दौड़ शुरू होना सामान्य बात है । शुक्रवार को इंटरनेट मीडिया पर ऐसा ही एक वीडियो प्रसारित हो रहा है, जिसमें केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने धुर विरोधी कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का हाथ पकड़कर मंच की और ले जा रहे हैं। वीडियो में दिख रहा है कि भोपाल में एक निजी स्कूल के शुभारंभ कार्यक्रम में पहुंचे सिंधिया मंच से उतरकर नीचे बैठे कांग्रेस नेता दिग्विजय के पास पहुंचते हैं।
सिंधिया हाथ जोड़कर नमस्कार करते हैं फिर उनका हाथ थाम कर मंच पर ले जाते हैं। इस अवसर पर उनकी पत्नी अमृता भी मौजूद थीं। किसी मंच पर सिधिया और दिग्विजय का एक साथ बैठने का दृश्य लगभग छह वर्ष बाद सामने आया है। पहले जब सिंधिया कांग्रेस में थे तो भी दोनों के बीच इतनी अदावत थी कि वे साथ बैठना पसंद नहीं करते थे।
#WATCH | Union Minister Jyotiraditya Scindia walks up to senior Congress leader Digvijaya Singh at the inauguration of Shrewsbury International School in Bhopal, and takes him by his hand to the stage to sit with him and others, there. Digvijaya Singh was seated among the… pic.twitter.com/1kBP6et8I2
— ANI (@ANI) August 8, 2025
ग्वालियर के महल और राधौगढ़ के किले की तकरार ग्वालियर में सिंधिया राजघराने के महल और राघौगढ़ के किले की तकरार सदियों पुरानी है। पहले भी इस अंचल में कांग्रेस माधवराव सिंधिया और दिग्विजय सिंह खेमे में बंटी थी, बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया के राजनीति में आने पर भी यह खटास और भी बढ़ गई। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया की वजह से कांग्रेस सत्ता में तो आई लेकिन उसके बाद सिंधिया को ही पार्टी में दरकिनार कर दिया गया।
2019 में सिंधिया को लोकसभा चुनाव में मिली पराजय के पीछे भी यही कहा गया कि इसमें दिग्विजय और कमल नाथ का योगदान था। इसके बाद जब राज्यसभा सदस्य के निर्वाचन का मसला आया तो कांग्रेस से दिग्विजय सिंह का नाम फाइनल कर दिया गया। इसी बात से नाराज होकर सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह लंबे समय से मंच पर नहीं बैठते हैं। गुटीय राजनीति के चलते कांग्रेस के मंच पर बैठने वाले नेताओं के बीच कई बार विवाद सामने आए हैं। कई बार मंच भी टूट चुका है। इसके बाद दिग्विजय सिंह ने कसम खाई थी कि वह किसी भी कार्यक्रम में मंच के सामने ही बैठेंगे। सिंधिया के साथ जब वह मंच साझा कर रहे थे , तब लोग यही बात कर रहे थे कि दिग्विजय सिंह की कसम टूट गई।