राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने गुरुवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा पर की गई टिप्पणी पर भोपाल में शुक्रवार को फिर कहा कि मैं भाई-बहन के रिश्ते की पवित्रता पर प्रश्न नहीं उठा रहा। मैंने भारतीय और विदेशी संस्कृति की तुलना की थी। मैं भी अपनी बहन का माथा चूमता हूं। बता दें, कैलाश विजयवर्गीय ने विवादास्पद बयान में कहा था कि आज के नेता प्रतिपक्ष अपनी जवान बहन का चौराहे पर चुंबन कर लेते हैं। यह संस्कारों का अभाव है। यह विदेशी संस्कृति है। उन्होंने यह टिप्पणी गुरुवार को शाजापुर में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए की थी। उन्होंने कहा था कि सनातन की विचारधारा देश को मजबूत करना चाहती है इसलिए देश भारतीय संस्कृति और संस्कार के आधार पर ही चलेगा।
कैलाश विजयवर्गीय पहले भी विवादास्पद बयान देते रहे हैं। वे बयानों में पहले भी लक्ष्मण रेखा लांघ चुके हैं। उन्होंने युवतियों और महिलाओं को मर्यादा का पाठ पढ़ाते हुए वर्ष 2013 में कहा था कि अगर लक्ष्मण रेखा पार होगी तो सीताहरण तो होगा ही। वेशभूषा को उन्होंने मर्यादा की लक्ष्मण रेखा बताया था। एक बार उन्होंने यह भी कहा था कि लड़कियां गंदे कपड़े पहनकर बाहर निकलती हैं, इतने गंदे कि वे शूर्पणखा लगती हैं।
उधर, खंडवा में एक कार्यक्रम में विजय शाह ने कैलाश के बयान का समर्थन करने हुए भाजपा विधायक कंचन तनवे की ओर संकेत कर कहा कि यह मेरी सगी बहन भी है तो क्या मैं सार्वजनिक रूप से चुंबन लूंगा। यह भारतीय संस्कृति नहीं सिखाती है। बता दें, विजय शाह आपरेशन सिंदूर के बाद कर्नल सोफिया कुरैशी पर अनर्गल टिप्पणी कर विवाद में फंस गए थे।
कैलाश विजयवर्गीय के बयान को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश में कई स्थानों पर प्रदर्शन किया। इंदौर और शाजापुर में कांग्रेसियों ने कैलाश विजयवर्गीय का पुतला फूंका। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि यह न केवल महिलाओं का अपमान है, बल्कि बहन-भाई के पवित्र रिश्ते को कलंकित करने वाला पाप भी है। ऐसे मंत्री को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाना चाहिए।