भोपाल। स्वर कोकिला एवं भारत रत्न लता मंगेशकर के नाम पर गायन व संगीत निर्देशन के क्षेत्र में स्थापित राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान बांटने के लिए मध्यप्रदेश में शासकीय स्तर पर कवायद शुरू हो गई है। 2017 से 2019 तक तीन साल के सम्मान की घोषणा होना है। दो साल के सम्मान पहले से ही शेष हैं। मुंबई में निर्णायक मंडल की बैठक हो चुकी है, इस सप्ताह चुने गए गायक कलाकार के नाम का एलान होगा।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि निर्णायक मंडल की बैठक में गायन और संगीत निर्देशन के क्षेत्र में पुरस्कृत किए जाने वाले संभावित नामों पर विचार मंथन किया गया। वर्ष 2016-17 में संगीतकार अनु मलिक को यह सम्मान दिया गया था, उसके बाद इस सम्मान का वितरण नहीं हुआ। सम्मान की स्थापना काल 1984 से 2016 तक एक-एक साल के अंतराल से क्रमश: संगीत निर्देशक और गायक को दिया जाता रहा। पुरस्कृत कलाकार को सम्मान स्वरूप दो लाख रुपए नकद और प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।
बताया जाता है कि पुरस्कार के लिए चार विशेषज्ञ निर्णायक मंडल ने बैठक में संभावित नामों पर विचार कर पुरस्कृत होने वाली प्ले बैक सिंगर जानी-मानी गायिका का नाम तय कर लिया है, लेकिन फिलहाल विभागीय अधिकारियों ने चयनित कलाकार का नाम गोपनीय रखा है।
गायन के लिए जिस कलाकार का चयन किया गया है वह इन दिनों विदेश प्रवास हैं। सरकार उनसे चर्चा कर कार्यक्रम की तारीख भी तय करना चाह रही है। इसलिए उनकी सहमति पाने के प्रयास चल रहे हैं। वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 के पुरस्कारों का एलान होना बाकी है। संभवत: इस बार महिला गायिका के साथ एक संगीतकार का नाम भी घोषित हो सकता है।
नौशाद व किशोर से हुई थी शुरूआत
सम्मान की शुरुआत संगीतकार नौशाद से की गई थी, उनके बाद गायक किशोर कुमार को यह सम्मान दिया गया। संगीतकार जयदेव, खय्याम, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, राहुल देव बर्मन, अनिल विश्वास, कल्याणजी आनंदजी, भूपेन हजारिका सहित हृदयनाथ मंगेशकर और मन्नााडे, आशा भोंसले, महेंद्र कपूर, यशुदास, जगजीत सिंह, नितिन मुकेश, सुरेश वाडेकर और अलका याग्निक जैसे गायक पुरस्कृत हो चुके हैं।
तय हो गया नाम, घोषणा जल्द : मंत्री
राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान के लिए जूरी की बैठक संपन्न हो गई है, नाम भी हमने तय कर लिया है। जल्दी ही पुरस्कृत होने वाले कलाकार का नाम घोषित किया जाएगा। हमारा प्रयास है कि जनवरी अंत तक अथवा फरवरी के शुरुआती दिनों में भव्य स्वरूप में इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाए। - डॉ.विजयलक्ष्मी साधौ, मंत्री, संस्कृति एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, मप्र शासन