हरिचरण यादव, भोपाल, Indian Railway । रेलवे अब ट्रेन परिचालन के दौरान अपने लोको पायलट की हर गतिविधि की ऑडियो व वीडियो रिकार्डिंग करेगा। अभी यह सिस्टम विमान में होता है। रेलवे के इस निर्णय के पीछे मुख्य उद्देश्य ट्रेन हादसों पर नियंत्रण पाना है। यह माना जा रहा है कि ऐसा करने से लोको पायलट का पूरा ध्यान ट्रेन के परिचालन पर होगा, जिससे मानवीय भूल से होने वाले हादसे नहीं होंगे। तकनीकी वजह से होने वाले हादसों की जांच में भी इससे मदद मिलेगी। वहीं परिचालन में लापरवाही बरतने वाले पायलट कार्रवाई के दायरे में लिए जा सकेंगे।
रेलवे के इस निर्णय के बाद ट्रेन के इंजनों में क्रू वाइस एंड वीडियो रिकार्डिंग सिस्टम (सीवीवीआरएस) लगाए जा रहे हैं। पश्चिम-मध्य रेल जबलपुर जोन के भोपाल समेत कोटा, जबलपुर मंडल के इंजनों में ये सिस्टम लगाना शुरू कर दिए गए हैं। तीनों मंडलों में इलेक्ट्रिक व डीजल के 800 में से 50 इंजनों में यह सिस्टम लगा दिए गया है। अगले एक साल में रेलवे के सभी 10 हजार इंजनों में इसे लगाने का लक्ष्य है। रेलवे इंजीनियरों ने बताया कि विमान में ब्लैक बॉक्स लगे होते हैं। ठीक उसी तरह ये सिस्टम भी काम करेगा। ये इंजन के चालू होने से बंद होने तक निरंतर काम करेगा। इसमें ऑडियो व वीडियो रिकार्डिंग 15 दिनों तक सुरक्षित रहेगी, कोई छेड़छाड़ नहीं हो सकेगी।
किसी हादसे में इंजन में आग लगने की घटना को छोड़कर अन्य किसी भी स्थिति में यह सिस्टम पूरी तरह सुरक्षित रहेगा। लोको पायलट हालांकि इस प्रयोग को मानवीय अधिकारों के खिलाफ बता रहे हैं। वहीं, रेलवे बोर्ड के अधिकारी इसे लोको पायलटों के हित में ही मानते है। उनका कहना है यदि हादसे होते भी हैं तो तकनीकी व मानवीय वजह साफ समझ में आएगी।
रेलवे को अपने लोको पायलटों की काबिलियत पर पूरा भरोसा है। कोई तकनीक रेलवे और चालकों के हित में है तो उसका उपयोग होना चाहिए, जो किया जा रहा है। जोन के सभी मंडलों के इंजनों में सीवीवीआरएस लगाने शुरू कर दिए हैं। इस सिस्टम के लगने से हादसों को रोकने में मदद मिलेगी। इस सिस्टम को आगे चलकर आग लगने की स्थिति में भी सुरक्षित करने की दिशा में भी काम किया जाएगा। -सुरेंद्र यादव, चीफ इलेक्ट्रिकल लोकोमोटिव, इंजीनियर डब्ल्यूसीआर, जबलपुर