राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने ईवी यानी इलेक्ट्रिक वाहन नीति लाने के बाद नियम भी जारी कर दिए हैं। इसके तहत मोबाइल एप भी बनाया जा रहा है। एप की मदद से शहर में ईवी के चार्जिंग पॉइंट की लोकेशन का पता लगाया जा सकेगा। एप से किसी भी शहर का विकल्प चयन कर चार्जिंग पॉइंट की लोकेशन पता की जा सकेगी। ईवी वाहन के लिए लाइव पोर्टल भी बनाया जाएगा। इसमें पता चल सकेगा कि कितने ईवी पंजीकृत हैं।
साथ ही, पीपीपी मोड पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। चार्जिंग स्टेशन के साथ-साथ बैटरी स्वैपिंग के लिए कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी। मध्य प्रदेश में जल्दी ही ईवी संवर्धन बोर्ड का गठन किया जाएगा। यह अंतर विभागीय समन्वय सुनिश्चित करने और विभिन्न मुद्दों का समाधान निकालने के लिए जिम्मेदार होगा। आईटी विभाग की मदद से मोबाइल एप और लाइव पोर्टल बनवाया जा रहा है। अधिकारियों का दावा है कि मध्य प्रदेश ईवी नीति बनाने वाला देश का पहला राज्य है। मध्य प्रदेश में एक अप्रैल, 2024 से 31 मार्च, 2025 के बीच 1,00,500 से अधिक ईवी का रजिस्ट्रेशन हुआ। सबसे ज्यादा मांग दोपहिया ईवी की रही।
प्रदेश में ईवी उद्योग के लिए आवश्यक कौशल के साथ कार्यबल तैयार करने के लिए नीति में इंजीनयिरिंग कॉलेजों और आइटीआई में ईवी संबंधित पाठ्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे। इसके अलावा भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन को ईवी मॉडल सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। मध्य प्रदेश इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति-2025 के अंतर्गत वर्ष 2030 तक प्रदेश में कुल पंजीकृत दोपहिया, तीन पहिया, चार पहिया वाहन एवं बस के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का क्रमश: 40 प्रतिशत, 80 प्रतिशत, 15 प्रतिशत एवं 40 प्रतिशत का लक्ष्य रखा गया है।
ईवी के लिए विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन जैसे स्माल, मीडियम और लार्ज चार्जिंग स्टेशन के लिए 10 लाख रुपये तक, अनुसंधान, नवाचार एवं कौशल विकास के लिए दो करोड़ रुपये, बैटरी स्वैपिंग स्टेशन के लिए पांच लाख रुपये तक और दोपहिया, तीन पहिया एवं कार के लिए रेट्रोफिटिंग अंतर्गत 25 हजार रुपये तक के वित्तीय प्रोत्साहन का प्रविधान किया गया है।