भोपाल, सौरभ सोनी। कांग्रेस के नेताओं का भाजपा में जाना केवल चुनावी दांव नहीं है बल्कि इसके पीछे बड़ी वजह भविष्य की चिंता है। वर्षों पुरानी कांग्रेस में जिस तरह से वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी की जा रही है, उससे नाराज होकर अब वे भाजपा का हाथ थाम रहे हैं। छिंदवाड़ा में कमल नाथ के सात 'रत्नों' में से एक अमरवाड़ा से कांग्रेस विधायक कमलेश शाह के भाजपा में आने के बाद उनके मजबूत गढ़ छिंदवाड़ा की दीवारें भी दरखती दिख रही हैं। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि पिछले दिनों कमल नाथ और नकुल नाथ के भाजपा में आने की अटकलें लगाई जा रही थीं। हालांकि, उन्होंने इसका खंडन किया लेकिन इससे विचलित होकर छिंदवाड़ा के हजारों कांग्रेस कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो गए। यह क्रम अभी थमा भी नहीं है।
बता दें, पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री सुरेश पचौरी सहित कई नेता भाजपा का दाम थाम चुके हैं। वहीं दमोह से लोकसभा प्रत्याशी नहीं बनाने से नाराज रंजीता गौरव पटेल ने भी कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है। प्रदेश भाजपा की न्यू ज्वाइनिंग टोली कांग्रेस के असंतुष्टों पर नजर रखे हुए है। समय-समय पर उन्हें साधकर पार्टी की सदस्यता दिला रहे है। कांग्रेस ही नहीं सपा, बसपा सहित अन्य राजनीतिक दलों के नेता भी अपने समर्थकों के साथ पार्टी छोड़कर भाजपा की सदस्यता ले रहे हैं। इन नेताओं के अलावा सेवानिवृत्त प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी हैं, जो अब राजनीतिक क्षेत्र में भाग्य आजमाने के लिए भाजपा का दामन थाम रहे हैं।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद हताश कांग्रेस को भाजपा संभलने का मौका भी नहीं दे रही है। पूर्व विधायक, महापौर, जिला व जनपद पंचायत के अध्यक्ष से लेकर बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारियों को भाजपा की सदस्यता दिलाई जा चुकी है। विधानसभा चुनाव के दौरान जो लोग बड़ी आशा के साथ अन्य दलों से कांग्रेस में आए थे, वे भी पार्टी की स्थिति देखकर घर वापसी कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन के बाद पार्टी कमजोर होती जा रही है। कमल नाथ को हटाकर जीतू पटवारी को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है, लेकिन पार्टी में गुटबाजी इस कदर हावी है कि कोई भी वरिष्ठ नेता, प्रदेश के युवा नेतृत्व को स्वीकार नहीं कर रहा है। नेता अपने- अपने गुटों में बंटकर रह गए हैं।
इनका कहना है
कांग्रेस दिशाहीन हो गई है। कांग्रेस में लोकहित की नहीं बल्कि परिवार के हितों को ध्यान में रखकर राजनीति की जाती है। छिंदवाड़ा में कमल नाथ का पुत्र मोह ऐसा है कि उन्हें जनता की चिंता ही नहीं, वे अपने पुत्र नकुल नाथ का राजनीतिक भविष्य संवारने में लगे हैं। सोनिया गांधी को पुत्र राहुल गांधी की चिंता सता रही है। इन्हें देश और देश की जनता से प्रेम नहीं है। कांग्रेस में लंबा समय बिताने के बाद भी उपेक्षा के शिकार वरिष्ठ नेताओं को भी अब यह बात समझ आ गई है कि कांग्रेस केवल और केवल एक ही परिवार के पोषण के लिए बनी है। वे अब राष्ट्र हित में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मिलकर देश के विकास में सहभागी बन रहे हैं। कांग्रेस सहित अन्य दलों के नेताओं का भाजपा में आने का यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।
- आशीष अग्रवाल, प्रदेश मीडिया प्रभारी, मध्य प्रदेश भाजपा