नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। माफिया मछली परिवार के कारनामों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है। हथाईखेड़ा डैम के पास अनंतपुरा में भले ही प्रशासन ने ड्रग्स माफिया और हिंदु युवतियों से यौन शोषण के आरोपित यासीन व शाहवर मछली के स्वजनों से 100 करोड़ की 52 एकड़ शासकीय भूमि वापस ले ली हो, लेकिन अनंतपुरा में अब भी मछली परिवार के अवैध कब्जे और अतिक्रमण बरकरार हैं। इसको लेकर हुजूर एसडीएम कार्यालय में शिकायत भी दर्ज कराई गई है।
शिकायत में मछली परिवार द्वारा अवैध तरीके से प्लाट विक्रय करने का आरोप लगाते हुए करीब 14 खसरे दिए गए हैं। इसके बाद से हुजूर तहसील में हड़कंप मचा हुआ है। एसडीएम व तहसीलदार ने जांच शुरू करवा दी है। इसमें भूमाफिया के नाम सहित अवैध कालोनियों का जिक्र भी है, जो अनंतपुरा के अलावा कान्हासैया क्षेत्र में विकसित की गई हैं।
शिकायत के अनुसार, अनंतपुरा में आनंद लेक सिटी नाम से बनाई गई कालोनी पूरी तरह अवैध है। आरोप है कि मछली परिवार ने नगर तथा ग्राम निवेश की अनुमति लिए बिना ही भूखंडों का अंकन कर बिक्री कर दी है। इसमें खसरा नंबर 36 से 49, 58 और 98 से 106 शामिल बताए गए हैं।
शिकायतकर्ताओं की मांग है कि इन खसरा नंबरों की वर्ष 1959 से वर्तमान तक की स्थिति की जांच कराई जानी चाहिए। इसके साथ ही, अब तक विक्रय किए गए भूखंडों की रजिस्ट्री पर रोक लगाने के लिए पंजीयन विभाग को निर्देशित किया जाना आवश्यक है।
कानासैया क्षेत्र में भूमाफियाओं द्वारा एकता ग्रीन सिटी नाम से बिना अनुमति अवैध कॉलोनियां विकसित किए जाने की शिकायत सामने आई है। शिकायतकर्ता के अनुसार, खसरा नंबर 728, 864, 569, 582, 535, 530 और 190 शासकीय भूमि में शामिल हैं, जिनकी वर्ष 1959 से अब तक की स्थिति की जांच कराई जानी चाहिए।
आरोप है कि भूमाफिया ने नगर एवं ग्राम निवेश की अनुमति लिए बिना ही शासकीय जमीन का अवैध उपयोग कर भूखंड अंकित कर बेचे हैं। इसी तरह, एकता ग्रीन सिटी फेज-2 भी बिना अनुमति शासकीय भूमि पर विकसित की जा रही है।
अनंतपुरा में जिन खसरों पर कालोनियां विकसित कर प्लाट बेचे जा रहे हैं, उनकी वर्ष 1959 से लेकर अब तक की जांच करवाने की मांग शिकायतकर्ता ने की है। उन्होंने दावा किया है कि ये जमीनें पुराने रिकार्ड में शासकीय थीं, जो अब निजी बताई जा रही हैं।
विनोद सोनकिया (एसडीएम, हुजूर) के अनुसार वर्जन अनंतपुरा और कानासैया में अवैध कालोनियों को विकसित कर प्लाट बेचने की शिकायत मिली है, जिनके खसरों की तहसीलदार के नेतृत्व में आरआइ और पटवारियों द्वारा जांच करवाई जा रही है। पुराना रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा है। यदि अवैध कालोनी और शासकीय भूमि होने का पता चलता है तो कार्रवाई की जाएगी।