राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल(MP Budget Session 2025)। मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र की शुरुआत हो गई है। सदन में राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण से यह शुरू हुआ। इसके पहले कांग्रेस विधायक काले नकाब और हाथों में तख्तियां लिए यहां पहुंचे। उन्होंने सत्र का समय बढ़ाने के साथ सरकार पर मुंह छिपाने का आरोप लगाया।
विधानसभा सत्र की अवधि बढ़ाए जाने को लेकर कांग्रेस के विधायकों ने गांधी प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन किया । हाथों में तख्ती लेकर सरकार पर सदन में चर्चा से भागने का आरोप। कहा कि जनहित के कई मुद्दे हैं, जिन पर सदन में चर्चा कराई जानी आवश्यक है। 11 मार्च को आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया तो 12 मार्च (बुधवार) को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट प्रस्तुत किया जाएगा।
यह चार लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है। इसमें सरकार को फोकस गांव, गरीब युवा, महिला और किसान पर होगा। सत्र के हंगामादार होने के आसार हैं। विपक्षी दल कांग्रेस इस दौरान भ्रष्टाचार, कानून- व्यवस्था, एससी-एसटी और महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार के मुद्दे उठाकर सरकार को घेरने का प्रयास करेगी तो सरकार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट सहित अन्य उपलब्धियों को सामने रखेगी।
15 दिवसीय बजट सत्र में नौ बैठकें होंगी। सरकार वर्ष 2024-25 की शेष अवधि के लिए द्वितीय अनुपूरक बजट मंगलवार को प्रस्तुत करेगी। यह 11 हजार करोड़ रुपये से अधिक का हो सकता है। वित्त विभाग भी देख रहे उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा बुधवार को वित्त वर्ष 2025-26 का बजट प्रस्तुत करेंगे।
इसमें सिंहस्थ के लिए विशेष प्रावधान किए जा सकते हैं। अधोसंरचना विकास पर जोर रहेगा। इस बार बजट पुस्तिका के साथ क्यूआर कोड भी जारी किया जाएगा। इसे स्कैन करते ही सरकार की आमदनी, खर्च और विभागों को दी जाने वाली राशि का पूरा ब्योरा मोबाइल पर ही देखा जा सकेगा।
मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि लंबित आश्वासन, प्रश्न, लोक लेखा समिति की कंडिकाओं और शून्यकाल की सूचनाओं के उत्तर समय पर दिए जाएं। उल्लेखनीय है कि सरकार की ओर से सदन में दिए गए ढाई हजार से अधिक आश्वासन लंबित हैं।
उधर, कांग्रेस ने सरकार को सदन में घेरने के लिए भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, महंगाई, कानून-व्यवस्था, परिवहन सहित अन्य घोटालों को उठाने की तैयारी की है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल द्वारा जनता को भिखारी बताने संबंधी बयान पर सफाई मांगी जाएगी तो परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की नियुक्ति में गड़बड़ी, घोटाले की जांच, धान खरीदी में करोड़ों रुपये की आर्थिक अनियमितता सहित अन्य मुद्दे उठाकर सरकार से जवाब मांगा जाएगा।