राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश के कमिश्नर और कलेक्टरों की भोपाल में दो दिन चली कांफ्रेंस के बाद अब मुख्यमंत्री डा मोहन यादव अपनी सरकार के मंत्री व विधायकों के कामकाज की समीक्षा करेंगे। वह मंत्रियों के साथ वन-टू-वन बैठक करके विभागवार उनके कामकाज की समीक्षा करेंगे।
विभागवार मंत्रियों के प्रदर्शन का आकलन किया जाएगा और इसके आधार पर मंत्रियों के कामकाज की ग्रेडिंग तय होगी। जल्द ही मंत्रियों के साथ बैठक का दौर शुरू करने की तैयारी है। यही वजह रही कमिश्नर कलेक्टरों की कांफ्रेंस में किसी भी मंत्री से शामिल नहीं किया गया।
कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री ने मंत्रियों के प्रभार वाले जिलों की स्थिति का आकलन किया है। इस आधार पर अब वह मंत्रियों से जानेंगे कि उन्होंने 20 माह में अपने प्रभार के जिलों में क्या-क्या कार्य किए। इसी तरह मुख्यमंत्री डॉ. यादव पार्टी के विधायकों के कामकाज को भी देखेंगे। उल्लेखनीय है कि विधायकों को चार साल का रोडमैप बनाने के लिए कहा गया था।
उन्होंने अपने विधायक निधि का जनकल्याण में कितना उपयोग किया, इसकी रिपोर्ट भी तैयार कराई गई है। यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। इधर, मुख्यमंत्री ने पहले ही मंत्रियों के परफारमेंस की एक रिपोर्ट तैयार कराई है, जो केंद्रीय नेतृत्व को भेजी गई थी। सिंहस्थ -2028 से कार्यों से जुड़े से 12 विभागों की मुख्यमंत्री अलग से बैठक लेंगे।
मुख्यमंत्री जिस तरह से मंत्रियों के कामकाज पर नजर बनाए हुए हैं उससे मंत्रिमंडल विस्तार के संकेत मिल रहे हैं। पूर्व में मुख्यमंत्री द्वारा अपने मंत्रियों के कामकाज की रिपोर्ट तैयार कराने के बाद इसकी प्रबल संभावना देखी जा रही है। मंत्रिमंडल विस्तार होता है तो क्षेत्रीय संतुलन साधने के हिसाब कुछ पूर्व मंत्रियों को फिर मौका दिया जा सकता है। वर्तमान में मुख्यमंत्री सहित 31 मंत्री हैं। नियम के अनुसार 35 मंत्री हो सकते हैं।
इन बिंदुओं पर होगी चर्चा