भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को बिहार के स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और प्रगति की सराहना की। ज्ञात हो कि बिहार का स्थापना दिवस हर वर्ष 22 मार्च को मनाया जाता है। यह दिन 1912 में बिहार को बंगाल प्रेसिडेंसी से अलग कर एक स्वतंत्र प्रांत बनने पर मनाया जाता है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर शुभकामनाएं देते हुए लिखा कि बिहार शांति, संघर्ष और संस्कार की पुण्यधरा बिहार के स्थापना दिवस की सभी प्रदेशवासियों एवं बिहार वासियों को आत्मीय बधाई एवं शुभकामनाएं। इस अवसर पर उन्होंने बाबा महाकाल से प्रार्थना की है कि बिहार राज्य निरंतर प्रगति एवं विकास के नए कीर्तिमान रचता रहे, जन-जन के जीवन में खुशहाली आए।
मीडिया से संवाद के दौरान उन्होंने कहा कि हम सब जानते हैं कि बिहार से हमारा विशेष संबंध है और बिहार की भोजपुरी भाषा राजा भोज के काल से भी जुड़ती हुई दिखाई देती है इस बात का हमें गर्व है।
उन्होंने कहा कि भोज के शासनकाल में जब आक्रांताओं ने आक्रमण किया तो मध्य प्रदेश के मालवा, इंदौर, उज्जैन के लोग पूर्वांचल क्षेत्र में रहे और बिहार में उन्हें शरण मिली जिन्हें बिहार में आज भी उज्जैनी ठाकुर के नाम से जाना जाता है।
उन्होंने कहा कि बिहार की पुण्यधरा है और बिहारी नागरिकों में साहस, शोर्य और वीरता के साथ संघर्षों से जूझने की अदम्य शक्ति होती है। वे अपनी कार्यकुशलता और कर्मठता के लिए जाने जाते हैं। बिहार का स्थापना दिवस हम सबके लिए गौरव की बात है बिहार तो वह राज्य है जहां तक्षशिला, नालंदा जैसे बड़े-बड़े गुरुकुल हजारों सालों पहले से चलते आए हैं।
आज भी बिहार के विद्यार्थियों की प्रतिभा क्षमता अन्य विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायी रहती है। तमाम कष्टों के बावजूद भी बिहार के सर्वाधिक आईएएस आईपीएस मिलेंगे। बिहार के लोग असंभव को संभव बनाने की क्षमता रखते हैं।