
सौरभ सोनी, नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। मध्य प्रदेश में इस वर्ष (13 दिसंबर तक) 54 बाघों की मौत के बाद अब वन विभाग जागा है। मृत बाघों में आधे से ज्यादा के शिकार की आशंका है, ऐसे में वन विभाग ने अंतरराष्ट्रीय तस्करों के साथ ऐसे शिकारियों की तलाश भी शुरू कर दी है, जो बार- बार इन मामलों में गिरफ्तार होकर जमानत पर छूटे हैं। खासकर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व एवं उससे सटे क्षेत्रों में बाघों के शिकार की आशंका के संबंध में यह अलर्ट जारी किया गया है।
वन विभाग के अनुसार कई संदिग्ध लोगों द्वारा बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और इसके आसपास सक्रिय होकर बाघों के शिकार की कोशिश की जा रही है।
बता दें, इस वर्ष फरवरी और अक्टूबर माह में सर्वाधिक सात-सात बाघों की मृत्यु दर्ज की गई। मरने वाले 54 बाघों में 10 शावक और 11 मादा थीं। एक ही वर्ष में इतनी अधिक संख्या में बाघों की मृत्यु अस्वाभाविक मानी जा रही है। ऐसे में विभाग की वन्य प्राणी शाखा ने हाई अलर्ट जारी कर दिन और रात में संयुक्त गश्ती दलों को चौकसी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।संवेदनशील क्षेत्रों, मुख्यतः जहां बाघों का विचरण कोर क्षेत्र या जंगल के बाहर है या गांव के नजदीक है वहां अतिरिक्त स्टाफ तैनात किया जाएगा।
मुखबिर तंत्र को मजबूत करने की बात भी कही गई है। पूर्व के आदतन शिकारियों की विधिवत पतासाजी कर जानकारी निगरानी पंजी में दर्ज करने को भी कहा गया है। यह भी कहा गया है कि वन्यजीव संबंधित अपराधों की रोकथाम एवं बाघ संरक्षण की दृष्टि से यह अत्यंत गंभीर स्थिति है।
स्थानीय पुलिस-प्रशासन के साथ संयुक्त टीम बनाकर करें पेट्रोलिंग मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक सुभरंजन सेन ने इस अलर्ट में सभी वन अधिकारियों को इस संबंध में निर्देशित किया है। इसमें यह भी कहा गया है कि स्थानीय ग्रामवासियों, चरवाहों, कोटवार, फील्ड स्टाफ तथा पुलिस इंटेलिजेंस यूनिट से सूचना आदान-प्रदान कर उनका विश्लेषण कर निगरानी की जाए। यदि आवश्यक हो तो स्थानीय पुलिस-प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर संयुक्त टीम द्वारा पेट्रोलिंग की जाए।