भोपाल। नईदुनिया स्टेट ब्यूरो। Madhya Pradesh Honey trap case हनी ट्रैप मामले की जांच आयकर विभाग ने सोमवार से शुरू कर दी है। मामले की मुख्य आरोपित श्वेता विजय जैन से आयकर विभाग ने लंबी पूछताछ की। उसके पास से एसआईटी को नकदी, सोने के जेवरात व अचल संपत्ति के दस्तावेज मिले थे। आयकर अधिकारियों का कहना है कि हनी ट्रैप मामले में जिनसे इस तरह के वित्तीय साक्ष्य मिले हैं, सभी से पूछताछ की जाएगी। श्वेता विजय जैन को पुलिस की भारी सुरक्षा के साथ इंदौर जेल से भोपाल आयकर मुख्यालय लाया गया। यहां उसने मीडिया से अपने ऊपर लगे तमाम आरोपों को लेकर साफ शब्दों में कहा कि मुझे छूट जाने दीजिए, मैं आप लोगों को सबकुछ बता दूंगी।
सूत्रों के मुताबिक एसआईटी ने हनी ट्रैप में बरामद चल-अचल संपत्ति की रिपोर्ट आयकर विभाग को सौंपी थी। इसआधार पर श्वेता विजय जैन को समन जारी कर 13 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया गया। उससे करीब 62 लाख रुपए की नकद राशि, 27 लाख से ज्यादा के स्वर्ण आभूषणों व अन्य संपत्ति के बारे में आयकर विभाग पूछताछ कर रहा है।
जींस-कुर्ता में पहुंची श्वेता
श्वेता विजय जैन को इंदौर से दोपहर डेढ़ बजे भोपाल लाया गया। जींस और कुर्ता पहनी श्वेता को सशा गार्ड के घेरे में एक कार में सड़क मार्ग से भोपाल लाया गया। यहां मौजूद मीडिया ने श्वेता जैन को घेर लिया।
श्वेताने दी खुलासे की चेतावनी
मीडिया के सवालों पर श्वेता जैन ने पहले तो नो कमेंट कहा, फिर बोली कि मैं सब बता दूंगी। मुझे छूट जाने दीजिए। सब बयान दूंगी। तीसरे सवाल में जब श्वेतासे इसे अपने खिलाफ साजिश होने की बात पूछी गई तो उसने कहा कि आप लोगों ने इतना अच्छा छाप दिया है कि मेरे लायक कुछ बचा ही नहीं है।
श्वेता के पहुंचते ही दरवाजे बंद
श्वेता जैन के आयकर भवन में पहुंचते ही इंवेस्टीगेशन विंग की तीसरी मंजिल का मुख्य दरवाजा बंद कर दिया गया। इंदौर से उसको लाने वाली टीम के दो पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया। देर शाम तक श्वेता जैन से निदेशक विनोद गोयल के मार्गदर्शन में आयकर के अधिकारी पूछताछ करते रहे।
इनका कहना है
एसआईटी से हनी ट्रैप मामले में रिपोर्ट मांगी गई थी, जो मिल गई है। अब उसमें जिन लोगों के वित्तीय मामले हैं, उन्हें समन जारी कर पूछताछ की जाएगी। आज श्वेता विजय जैन से पुलिस द्वारा उसके पास से जब्त नकद राशि, आभूषण और अन्य संपत्तियों के बारे में पूछताछ की गई। जब्त नकदी, आभूषण के दस्तावेज दिखाने को कहा गया है।
- राजेश टूटेजा, महानिदेशक, आयकर इंवेस्टीगेशन विंग