सौरभ सोनी, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश में राज्य सरकार हैप्पीनेस के पैमाने का मूल्यांकन कराएगी। इसके लिए आइआइटी खड़कपुर का सहयोग लिया जाएगा। इसके तहत शहरी और ग्रामीण आबादी की जीवनशैली व प्रसन्नता के स्तर का अध्ययन किया जाएगा। लोगों में निराशा का भाव यानी डिप्रेशन क्यों बढ़ रहा है, इसे कैसे दूर किया जा सकता है, इसके सुझाव भी लिए जाएंगे।
इसके अलावा गांवों को आनंद ग्राम के रूप में विकसित किया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ऐसे ग्राम, जहां सद्भावना, भाईचारा, परस्पर सहयोग और आनंद का भाव प्रमुख हो, उन्हें उदाहरण के रूप में सामने लाया जाएगा।
तनाव मुक्ति और आनंदित व्यवहार के प्रशिक्षण के लिए ग्राम पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, पटवारी, शहरी क्षेत्र में नगर निगम और नगर पालिका के कर्मचारी एवं पुलिसकर्मी शामिल किए जाएंगे। इसी तरह वैचारिक और रचनात्मक गतिविधियों के लिए हर जिले में नगरीय विकास एवं आवास विभाग के सहयोग से एक आनंद केंद्र बनाया जाएगा। आनंद कार्यों के लिए बुजुर्गों की सेवाएं भी ली जाएंगी। इस कार्य में सहयोग के लिए आईआईटी खडगपुर ने सहमति दे दी है।
वैचारिक और रचनात्मक गतिविधियों के लिए प्रत्येक जिले में नगरीय विकास एवं आवास विभाग के सहयोग से एक आनंद केंद्र भवन बनाया जा रहा है। ये भवन मांगलिक भवन से भिन्न होंगे। यहां शहर के प्रबुद्ध वर्ग के साथ आम नागरिकों की उपस्थिति में रचनात्मक कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे। आनंद विभाग अपनी गतिविधियों का संचालन, खेल, स्कूल, उच्च शिक्षा विभाग और जन अभियान परिषद जैसी संस्थाओं का सहयोग लेकर संयुक्त रूप से करेगा।
व्यक्ति के आनंद के लिए विभिन्न नगरों में कार्य करने वाली संस्थाओं के कार्यों का अध्ययन कर सूचीबद्ध किया जाएगा, जिससे अन्य शहरी क्षेत्रों में भी ऐसे सामाजिक कार्य किए जा सकें। यही नहीं महापुरुषों पर प्रकाशित कृतियों को स्कूल कालेजों के विद्यार्थियों तक पहुंचाने का कार्य भी किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में प्रतिवर्ष 14 से 28 जनवरी की अवधि में आनंद उत्सव का आयोजन होता है, जिसमें अब तक 22 लाख से अधिक लोग सहभागिता कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार प्रदेश में हैप्पीनेस के पैमाने का मूल्यांकन कराया जाएगा। इसके लिए आईआईटी खड़गपुर की सेवाएं ली जाएंगी। प्रत्येक जिले में आनंद केंद्र बनाए जा रहे है। वहीं गांवों को आनंद ग्राम बनाने की योजना पर भी काम कर रहे हैं। - आशीष कुमार, सीईओ, मप्र राज्य आनंद संस्थान।