
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। मध्यप्रदेश में बिजली दरों में 10 प्रतिशत से अधिक वृद्धि करने की तैयारी चल रही है। मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2026-27 की टैरिफ पिटीशन मप्र विद्युत नियामक आयोग में लगाई है, जिसमें दावा किया गया है कि बिजली कंपनियां अपने घाटे की भरपाई के लिए यह वृद्धि करवाना चाहती हैं।
कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी इस बात की पुष्टि की है। सूत्रों के अनुसार, मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी ने तीनों डिस्काम की तरफ से 30 नवंबर से पहले यह पिटीशन आयोग को सौंप दी है। आयोग ने पिटीशन को स्वीकार भी कर लिया है। अब जल्द ही इस पर सार्वजनिक सूचना जारी कर जनसुनवाई की तारीख तय की जाएगी। तारीख कंपनी वार होगी। जनसुनवाई के बाद आयोग तय करेगा कि बिजली की दरों में कितनी वृद्धि या कमी की जाए। यदि बिजली दरों में वृद्धि तय होती है तो वित्तीय वर्ष 2026-27 में एक अप्रैल से इन्हें लागू किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी 18 हजार 712 करोड़ रुपये से अधिक के घाटे में है। वहीं पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी 16 हजार 378 करोड़ रुपये और पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी सात हजार 285 करोड़ रुपये से अधिक राशि घाटे में चल रही है। यही कारण हो सकता है कि दरें बढ़ाई जा रही हैं।
पिछले पांच वित्तीय वर्षों में दर वृद्धि के प्रस्ताव और स्वीकृत प्रतिशत में स्पष्ट अंतर रहा। 2021-22 में 6.23 प्रतिशत प्रस्तावित और 0.63 प्रतिशत स्वीकृत हुई। 2022-23 में 8.71 के मुकाबले 2.64, 2023-24 में 3.20 के सामने 1.65, 2024-25 में 3.86 के बदले 0.07 तथा 2025-26 में 7.52 प्रतिशत प्रस्तावित दर के विरुद्ध 3.46 प्रतिशत स्वीकृत की गई।