भोपाल। प्रदेश में रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) को लागू हुए भले ही दो साल से अधिक समय हो गया हो, लेकिन रेरा कानून का असर प्रदेश में दिखाई नहीं दे रहा है। कठोर प्रावधान के बाद भी अपंजीकृत रियल एस्टेट प्रोजेक्ट व्यापार व्यवसाय कर रहे हैं। अब ऐसे प्रोजेक्ट पर निर्माण पर रोक लगाने की तैयारी रेरा ने की है। बता दें कि रेरा में कुल पंजीकृत प्रोजेक्ट की संख्या 2,307 है, जबकि प्रदेश में ऐसे प्रोजेक्ट की संख्या पांच हजार से भी अधिक है।
प्रदेश में ऐसे प्रोजेक्ट की जानकारी एकत्रित करने के लिए रेरा ने कवायद शुरू कर दी है। नगरीय विकास व आवास विभाग से निकायों से रियल एस्टेट प्रोजेक्ट की जानकारी भी मांगी गई है। विभाग बिल्डिंग परमिशन के आधार पर रेरा को जानकारी मुहैया कराएगा। इसके अलावा रेरा ने अपंजीकृत प्रोजेक्ट की सूचना देने पर पुरस्कार की भी घोषणा की है। इन डाटा के आधार पर रेरा कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।
अवैध कॉलोनियों की बसाहट पर लगेगी रोक
सस्ते दामों में नियमों को ताक पर रख बनाई जा रही अवैध कॉलोनियों के विस्तार को रोकना शासन-प्रशासन के लिए चुनौती से कम नहीं है। कारण यह है कि बिना अनुमतियों व नियमों के विरूद्ध इन कॉलोनियों में रजिस्ट्री पर कोई रोक नहीं है। लिहाजा प्रॉपर्टी आसानी से बिक जाती है और बिल्डर्स अपने स्तर पर लोगों को सुविधा मुहैया कराते हैं। रेरा द्वारा अपंजीकृत प्रोजेक्ट पर कार्रवाई के दायरे में अवैध कॉलोनियों के विस्तार व बसाहट पर रोक लग सकेगी।
रेरा कानून में यह है प्रावधान
रेरा एक्ट के मुताबिक जब तक किसी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट (न्यू व ऑनगोइंग) का रेरा पंजीयन नहीं होगा वह प्रोजेक्ट में ब्रिक्री नहीं कर सकता। इतना ही नहीं बल्कि बिना पंजीयन के प्रोजेक्ट संबंधित विज्ञापन जारी करने पर भी रोक है। प्रोजेक्ट के ब्रॉशर से लेकर पंपलेट तक में रेरा पंजीयन खिलाना अनिवार्य किया गया है। यदि बिल्डर्स, डेवलवपर्स या कॉलोनाइजर्स इस नियम का उल्लंघन करते हैं तो रेरा एक्ट के तहत भारी जुर्माने के साथ प्रोजेक्ट निर्माण पर प्रतिबंध तक प्रावधान है।
जानकारी देने पर मिलेगा पुरस्कार
अपंजीकृत प्रोजेक्ट की जानकारी देने पर रेरा द्वारा संबंधित व्यक्ति को पुरस्कार भी दिया जाएगा। रेरा ने अपने आदेश में नाम भी गोपनीय रखने की बात कही है। इसके लिए रेरा ने 0755-2557955 फोन नंबर भी जारी किया है। जानकारी सही पाई जाने पर 1,400 रुपए का पुरस्कार दिने का ऐलान किया गया है।
प्रदेश में रेरा पंजीकृत प्रोजेक्ट की स्थिति
- भोपाल संभाग
भोपाल में 533, रायसेन में 55, राजगढ़ में 14, सीहोर में 27 विदिशा जिले में 19
-चबंल संभाग
मुरैना में 03, श्योपुर में 04, भिंड में एक भी नहीं
- ग्वालियर संभाग
ग्वालियर में 80, अशोक नगर में 03, शिवपुरी में 05, गुना में 08, दतिया में एक भी नहीं
-इन्दौर संभाग
इंदौर में 563, अलीराजपुर में 05, बड़वानी में 21, बुरहानपुर में 09
-जबलपुर संभाग
बालाघाट में 18, छिंदवाड़ा में 69, जबलपुर में 176, कटनी में 13, मंडला में 04, नरसिंहपुर में 26, सिवनी में 25, डिंडौरी जिले में 03
-नर्मदापुरम संभाग
बैतूल में 28, हरदा में 19, होशंगाबाद में 68
-रीवा संभाग
रीवा में 28, सतना में 23, सीधी में 02, सिंगरौली में 03
-सागर संभाग
छतरपुर में 19, दमोह में 15, पन्नाा में 02, सागर में 25, टीकमगढ़ में 05
-शहडोल संभाग
शहडोल में 20, अनुपपुर में 05, उमरिया में 04, निवारी में एक भी नहीं
-उज्जैन संभाग
आगर-मालवा में 07, देवास में 41, मंदसौर में 60, नीमच में 20, रतलाम में 46, शाजापुर में 07, उज्जैन में 64 रियल एस्टेट प्रोजेक्ट का पंजीयन कराया है।
इनका कहना है
रिएल एस्टेट प्रोजेक्ट का हो या एजेंट का रेरा में पंजीयन जरूरी है। पंजीयन के बिना व्यवसाय नहीं किया जा सकता। जो प्रोजेक्ट रेरा में पंजीकृत नहीं है वह अवैध है। अपंजीयन प्रोजेक्ट पर जुर्माना किया जाएगा। साथ ही संबंधित कलेक्टर को प्रोजेक्ट निर्माण पर तत्काल रोक के निर्देश दिए जाएंगे।
-अंटोनी डिसा, अध्यक्ष, रेरा (मप्र)