उच्च न्यायालय में आगामी सुनवाई में महाधिवक्ता करेंगे अंतिम सुनवाई करने का अनुरोध
Madhya Pradesh News: भोपाल। नवदुनिया स्टेट ब्यूरो। पिछड़ा वर्ग को 27 फीसद आरक्षण दिलाने के लिए शिवराज सरकार उच्च न्यायालय में पूरी ताकत से पक्ष रखेगी। इसके लिए देश के वरिष्ठ अधिवक्ता रविशंकर प्रसाद, तुषार मेहता सहित अन्य अधिवक्ताओं को आरक्षण में समर्थन में पैरवी के लिए लाया जाएगा। प्रदेश के महाधिवक्ता न्यायालय से अनुरोध करेंगे कि इस मामले में अंतिम सुनवाई की जाए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय किया गया कि 27 फीसद आरक्षण अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का हक है। इसे दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
मंत्रालय में शुक्रवार को तीन घंटे ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिलाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों को लेकर मंथन हुआ। इसमें महाधिवक्ता पुरुषेंद्र कौरव और उनकी टीम ने कानूनी स्थिति की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिलाने में कोई कसर नहीं रखेगी। पूरी ताकत के साथ न्यायालय में पक्ष रखा जाएगा। इसके लिए जो भी कदम उठाने होंगे, वो उठाए जाएंगे। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बैठक के बाद बताया कि सरकार ने तय किया है कि आने वाली सुनवाई में महाधिवक्ता यह अनुरोध करेंगे कि न्यायालय अंतिम सुनवाई करे।
देश के बड़े अधिवक्ता रविशंकर प्रसाद, तुषार मेहरा जैसे अधिवक्ताओं को आरक्षण के समर्थन में उच्च न्यायालय में लेकर आएंगे। जब हमारी सरकार थी तब पिछड़ा वर्ग को 14 प्रतिशत आरक्षण तो मिलता ही था, नौकरियों में पिछड़ा वर्ग के जो लोग आते थे, उन्हें भी मेरिट के आधार पर स्थान मिल जाता था। कमल नाथ सरकार ने यह फैसला कर दिया था कि 14 प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं मिलेगा। इसकी वजह से जो मेरिट में आ रहे थे, उन्हें भी मौका नहीं मिल पाया। कांग्रेस ने पिछड़ा वर्ग को रोकने का प्रयास किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का काम किया। प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आयोग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया है। पिछड़ा वर्ग के लिए प्रदेश में अलग से मंत्रालय है और उनके लिए अलग से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। बैठक में मंत्री कमल पटेल, डॉ.मोहन यादव, रामखेलावन पटेल, इंदर सिंह परमार, भारत सिंह कुशवाहा, बृजेंद्र सिंह यादव, रामकिशोर कावरे, विधायक जालम सिंह पटेल, प्रदीप पटेल, कृष्णा गौर, भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भगत सिंह कुशवाहा सहित अन्य मौजूद थे।
कमल नाथ सरकार ने किया था नाटक
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय कमल नाथ सरकार ने आठ मार्च 2019 को पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का नाटक किया। 10 तारीख को याचिका लग गई और 19 मार्च 2019 को तत्कालीन महाधिवक्ता ने न्यायालय में उपस्थित होकर कहा कि राज्य लोक सेवा आयोग से होने वाली भर्तियों में 14 प्रतिशत आरक्षण ही रखा जाए। इसके बाद कांग्रेस सरकार की तरफ से एक साल तक कोई प्रयास नहीं हुए।
न्यायालय में कोई अधिवक्ता उपस्थित नहीं हुआ। कांग्रेस सरकार ने उच्च न्यायालय आरक्षण पर रोक लगाने के निर्णय के खिलाफ अपील करने का नहीं सोचा। हमारी सरकार आने के बाद मुख्यमंत्री ने पिछड़ा वर्ग को आरक्षण मिले इसके लिए गंभीरता से प्रयास किए। उच्च न्यायालय में हमारी ओर से भारत के सालिसिटर जनरल वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से से उपस्थित हुए थे।
कांग्रेस ने दिया धोखा
कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि कांग्रेस ने पिछड़ा वर्ग को धोखा दिया है। न न्यायालय में कैविएट लगाई और न ही उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ताओं को आरक्षण के पक्ष में पैरवी करने के लिए खड़ा किया। रामजी महाजन की रिपोर्ट को लागू नहीं किया। कांग्रेस समाज को तोड़ने का काम करती है। द्वारा भ्रम को तोड़ने और सच्चाई सामने लाने का काम किया जाएगा।