Madhya Pradesh Police: एट्रोसिटी एक्ट के मामलों का विश्लेषण कर पुलिस जानेगी अपराध की मूल वजह
Madhya Pradesh Police: एट्रोसिटी एक्ट के दुरुपयोग के मामले सामने आने के कारण शुरू की जा रही नई व्यवस्था।
By Hemant Kumar Upadhyay
Edited By: Hemant Kumar Upadhyay
Publish Date: Thu, 13 Apr 2023 05:24:19 PM (IST)
Updated Date: Thu, 13 Apr 2023 05:24:19 PM (IST)

Madhya Pradesh Police: भोपाल (राज्य ब्यूरो)। मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के विरुद्ध होने वाले अपराध (एट्रोसिटी एक्ट) की मूल वजह जानने के लिए हर केस का विश्लेषण किया जाएगा। इसमें यह देखा जाएगा कि एफआइआर में दर्ज जानकारी ही घटना की प्रमुख वजह है या फिर और कोई कारण है। प्रत्येक अपराध की जानकारी इसके लिए तैयार कराए जा रहे विशेष पोर्टल में दर्ज रहेगी। विवाद का स्थायी समाधान निकालने के लिए स्टेट क्राइम रिकार्ड ब्यूरो यह पोर्टल तैयार कर रहा है।
दरअसल, कई बार एट्रोसिटी एक्ट के दुरुपयोग के मामले सामने आते हैं। गहन जांच से यह पता चलता है कि विवाद का कारण कुछ और है। कई बार जमीन के विवाद भी इसकी वजह बनते हैं। इस तरह के मामलों को स्थायी तौर पर हल करने के लिए पोर्टल तैयार किया जा रहा है।
पोर्टल तैयार होने का लाभ यह होगा कि अपराधों की प्रकृति पता चलेगी। किसी क्षेत्र में किसी विशेष कारण से अपराध हो रहे हैं तो इसका पता कर आसानी से निपटारा किया जा सकेगा। इस संबंध में नीतिगत निर्णय भी लिए जा सकेंगे। कई बार वर्षों पुरानी रंजिश होती है, लेकिन एफआइआर में घटना की तात्कालिक वजह ही सामने आती है। अब पोर्टल से प्रदेश में अपराधों की एक जैसी वजह वाले मामलों को भी पता करना आसान हो जाएगा।
कारण जानने के बाद अगली कड़ी में इनका स्थायी हल निकाला जाएगा। उदाहरण के तौर पर कहीं दोनों पक्षों में आने-जाने के रास्ते को लेकर विवाद चल रहा है तो पुलिस व राजस्व विभाग के सहयोग से ऐसे मामलों का हल निकालेगी। पुलिस मुख्यालय में अतिरिक्त पुलिस महानिदशेक (अजाक) राजेश गुप्ता ने बताया कि इसकी तैयारी हो गई है। अपराधों का विश्लेषण भी इस नजरिये से शुरू कर दिया गया है। जैसे ही पोर्टल तैयार होगा यह जानकारी उसमें शिफ्ट कर दी जाएगी।