मप्र पुलिस की महिला सुरक्षा शाखा को 'हम होंगे कामयाब' के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार
हैदराबाद में तेलंगाना पुलिस महिला सुरक्षा विंग द्वारा आयोजित नेशनल टेक्निकल कंसल्टेशन समारोह में मप्र पुलिस की महिला सुरक्षा शाखा के इस नवाचार को पुरस्कार स्वरूप ट्रॉफी प्रदान की गई।
Publish Date: Thu, 12 Sep 2024 03:17:12 PM (IST)
Updated Date: Thu, 12 Sep 2024 03:17:12 PM (IST)
महिला पुलिस (प्रतीकात्मक चित्र)HighLights
- महिला अपराधों की रोकथाम से लेकर पीड़िता के पुनर्वास तक की उल्लेखनीय पहल।
- इंदौर एवं उज्जैन रेंज के सात थानों के साथ हुई इस नवाचार की शुरुआत।
- डीजीपी ने पुलिस की महिला सुरक्षा शाखा को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। प्रदेश की महिला सुरक्षा शाखा द्वारा महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों की रोकथाम, व्यापक जागरूकता और पीड़िताओं के पुनर्वास के लिए चलाया गए अभियान 'हम होंगे कामयाब' को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया गया है। 29 अगस्त को हैदराबाद में तेलंगाना पुलिस महिला सुरक्षा विंग द्वारा आयोजित नेशनल टेक्निकल कंसल्टेशन समारोह में इस नवाचार को पुरस्कार स्वरूप ट्रॉफी प्रदान की गई।
मप्र पुलिस की ओर से एसएसपी किरणलता केरकट्टा ने अवार्ड प्राप्त किया। पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना ने मंगलवार को महिला सुरक्षा शाखा की स्पेशल डीजी प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव, आइजी हिमानी खन्ना, यूएन वूमन के स्टेट प्रतिनिधि व महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने भेंट कर उन्हें ट्रॉफी सौंपी। डीजीपी ने इस नवाचार की सराहना करते हुए प्रदेश में महिला सुरक्षा को और भी सुदृढ़ करने के लिए सभी को प्रोत्साहित किया।
यह है 'हम होंगे कामयाब' अवधारणा
मध्यप्रदेश पुलिस की महिला सुरक्षा शाखा ने प्रदेश में महिला अपराधों को रोकने, जिसमें मानव तस्करी भी शामिल है, के लिए महिला जागरूकता, महिला विकास तथा पीड़िता के पुनर्वास के लिए एक समन्वित प्रयास जिसमें शासन के अन्य विभाग जैसे महिला एवं बाल विकास, ग्रामीण आजीविका मिशन, पर्यटन, श्रम एवं पंचायत विभाग तथा एनजीओ शामिल हैं के माध्यम से 3पी थ्योरी जिसमें प्रिवेंशन, प्रोटेक्शन एवं प्रोसीक्यूशन पर पूरा ध्यान केन्द्रित किया गया। इस उद्देश्य से पुलिस के साथ अन्य कई विभाग इन अपराधों की रोकथाम, नियंत्रण, अभियोजन एवं पुनर्वास के लिए ''हम होंगे कामयाब'' मंच के अंतर्गत एक दिशा में कार्य कर रहे हैं।
सात थानों से शुरुआत
'हम होंगे कामयाब' के तहत इंदौर एवं उज्जैन रेंज के सात थानों में महिला उर्जा डेस्क के साथ सभी स्टेक होल्डर इस दिशा में समन्वित प्रयास कर रहे हैं। अभी तक 150 पीड़िताओं को चिन्हित कर उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए काउंसलिंग की गई है। आवश्यकता होने पर पीड़िता का आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूह से जोडने का प्रयास किया जा रहा है ताकि उनका पुनर्वास हो सके। इसी कड़ी को धीरे-धीरे अन्य विभागों से जोड़ने की योजना है।