जहरीले कफ सीरप से मौतों पर मप्र में कार्रवाई, ड्रग कंट्रोलर को हटाया, डिप्टी ड्रग कंट्रोलर व दो इंस्पेक्टर निलंबित
कोल्ड्रिफ ब्रांड का कफ सीरप बनाने वाली तमिलनाडु की कंपनी 'श्रीसन' के विरुद्ध भी एफआईआर दर्ज कराई गई है। कंपनी की कांचीपुरम स्थित उत्पादन इकाई में तमिलनाडु के औषधि प्रशासन विभाग ने कोल्ड्रिफ सीरप की जांच की तो जहरीला केमिकल डीइजी 48.6 प्रतिशत और मप्र की लैब में 46.20 प्रतिशत मिला था, जबकि यह मात्रा 0.1 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती।
Publish Date: Mon, 06 Oct 2025 09:52:06 PM (IST)
Updated Date: Mon, 06 Oct 2025 10:03:32 PM (IST)
कफ सिरप को लेकर मध्य प्रदेश सरकार हरकत में।HighLights
- छिंदवाड़ा में प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर मोहन यादव ने कहा- लापरवाही बर्दाश्त नहीं।
- शासकीय चिकित्सक प्रवीण सोनी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार किया गया था।
- कोल्ड्रिफ सीरप बनाने वाली तमिलनाडु की कंपनी 'श्रीसन' के विरुद्ध भी एफआईआर हुई।
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और बैतूल जिलों में जहरीला कफ सीरप देने के बाद किडनी फेल होने से 16 बच्चों की मौत के मामले मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव की सख्ती के बाद शासन ने चार अधिकारियों पर कार्रवाई की है। ड्रग कंट्रोलर को हटाया गया है, जबकि डिप्टी ड्रग कंट्रोलर, छिंदवाड़ा और जबलपुर के औषधि निरीक्षक को निलंबित किया गया है। कफ सीरप पर प्रदेश भर में रोक लगाने, सैंपलिंग नहीं करने और सैंपलों की जांच में देरी के चलते इन अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है।
तमिलनाडु सरकार और मध्य प्रदेश औषधि प्रशासन की अलग-अलग जांच में कोल्ड्रिफ ब्रांड के कफ सीरप में जहरीला केमिकल डायथिलीन ग्लायकाल (डीईजी) मिलने की पुष्टि के बाद से मुख्यमंत्री यादव ने मामले को गंभीरता से लिया। सोमवार सुबह अपने आवास पर बुलाई उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने इन अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
उन्होंने कहा कि मानव जीवन की सुरक्षा से जुड़े मामलों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सोमवार दोपहर छिंदवाड़ा में मृत बच्चों के स्वजन से भेंटकर उन्होंने यही बात दोहराई। बता दें कि सर्दी-जुकाम और बुखार से पीड़ित चार वर्ष के शिवम राठौर की चार सितंबर को किडनी फेल होने के कारण मौत हो गई थी। उसके बाद से छिंदवाड़ा के 14 और बैतूल के दो मिलाकर 16 बच्चे दम तोड़ चुके हैं।
इसके पहले रविवार रात बच्चों को कोल्ड्रिफ कफ सीरप लिखने वाले शासकीय चिकित्सक प्रवीण सोनी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद राज्य सरकार ने कफ सीरप सहित कंपनी के सभी उत्पादों पर शनिवार को रोक लगाई और एफआइआर दर्ज कराई।
किस पर क्यों हुई कार्रवाई
- ड्रग कंट्रोलर दिनेश मौर्य : बच्चों की मौत के बाद छिंदवाड़ा से लिए गए कफ सीरप व अन्य दवाओं की जांच में छह दिन की देरी। तमिलनाडु सरकार ने 48 घंटे में जांच कर रिपोर्ट दे दी, जबकि मध्य प्रदेश का औषधि प्रशासन विभाग 29 सितंबर को लिए 13 सैंपलों की जांच चार-पांच अक्टूबर को कर पाया।
- डिप्टी ड्रग कंट्रोलर शोभित कोष्टा : सैंपलों की जांच में देरी। दूसरा, घटना के पहले दवाओं के सैंपलिंग की निगरानी ठीक से नहीं की।
- गौरव शर्मा, औषधि निरीक्षक छिंदवाड़ा : जिले में सैंपलिंग और मेडिकल स्टोर्स की जांच में लापरवाही की। जिस मेडिकल स्टोर से बच्चों को कोल्ड्रिफ सीरप बेचा गया वहां स्टाक भी बेमेल मिला।
- शरद कुमार जैन, औषधि निरीक्षक जबलपुर: कोल्ड्रिफ कफ सीरप का स्टाकिस्ट जबलपुर में है। यहीं से छिंदवाड़ा के लिए कफ सीरप सप्लाई किया जाता था। घटना बे बाद लिए सैंपल हाथों-हाथ नहीं भेजा, जिससे सैंपल पहुंचने में देरी हुई।
दो और कफ सीरप में मिला जहरीला डीईजी, जब्त किया जा रहा स्टाक
- राज्य औषधि लैब में सोमवार को हुई जांच में दो और कफ सीरप में जहरीला रसायन डीईजी पाया गया है। इस पर मुख्यमंत्री ने संबंधित ब्रांड का पूरा स्टाक जब्त कर कंपनी के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई के लिए कहा है।
- इनमें रिलीफ (relife) सीरप, बैच नंबर एलएसएल-25160, उत्पादन माह व वर्ष जनवरी 2025 और एक्सपायरी दिसंबर 2026 है। बनाने वाली कंपनी शेप फार्मा शेखपुर गुजरात की है।
- इसमें डीईजी 0.616 प्रतिशत मिला है। दूसरा, रेस्पीफ्रेश-टीआर (respifresh-TR) सीरप, बैच नंबर आर- 01जीएल2523, उत्पादन जनवरी 2025 और एक्सपायरी दिसंबर 2026 है।
- इसमें डीईजी 1.342 प्रतिशत मिला है। इसके पहले कोल्ड्रिफ में 46.20 प्रतिशत डीईजी यहां की जांच में पाया गया है। डीईजी की मात्रा 0.1 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती।