
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। सोशल मीडिया पर फर्जी आईडी बनाकर महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध साइबर यौन अपराध वाले फोटो-वीडियो या अश्लील सामग्री अपलोड करने के मामले में पुलिस अब वेबसाइट बनाने और उपयोग करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रही है। इनके विरुद्ध भी एफआईआर दर्ज कर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। आवश्यकता पड़ने पर केंद्र सरकार की भी मदद ली जाएगी। फिलहाल इन वेबसाइटों को ब्लॉक करा दिया गया है।
राज्य साइबर मुख्यालय ने अभी ऐसी 25 वेबसाइट चिह्नित की हैं। कुछ और मामलों की जांच चल रही है, जिससे इनकी संख्या बढ़ सकती है। जांच में सामने आया है कि वेबसाइट बनाने और उपयोग करने वाले इनसे अच्छी कमाई कर रहे हैं। व्यक्तिगत स्तर पर भी लोग इन वेबसाइटों पर महिलाओं और बच्चों के अश्लील फोटो, वीडियो या अन्य सामग्री अपलोड कर रहे हैं। साथ ही कुछ लोगों ने ऐसी सामग्री डाउनलोड कर उसे प्रसारित करने को धंधा बना लिया है।
राज्य साइबर मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया कि आइपी एड्रेस के आधार पर पहचान करेंगे कि वेबसाइट का उपयोग कब और कहां-कहां किया गया है। साइबर मुख्यालय के एसपी प्रणय नागवंशी ने बताया कि इसके आधार पर मध्य प्रदेश में उपयोग करने वालों के विरुद्ध यहां की पुलिस एफआईआर व अन्य वैधानिक कार्रवाई करेगी। दूसरे राज्यों में उपयोग होने की स्थिति में केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर (आइ-4सी) को जानकारी साझा की जाएगी, जिससे उन राज्यों में आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई हो सके।
बता दें, मध्य प्रदेश साइबर मुख्यालय ने महिलाओं-बच्चों के विरुद्ध साइबर यौन अपराध करने वालों को पकड़ने के लिए 10 अक्टूबर से छह नवंबर तक 'ऑपरेशन नयन' चलाया था, जिसमें जनवरी, 2024 से अब तक आईं 833 शिकायतों की जांच में 50 में एफआईआर दर्ज कर आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। देश में पहली बार इस तरह का अभियान चलाया गया।
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अपराध में उपयोग 65 इंटरनेट मीडिया यूआरएल, 45 ई-मेल आइडी, 60 मोबाइल नंबरों की पहचान कर ब्लॉक कराया गया है। मामले में भोपाल, सतना, छतरपुर, विदिशा, अनूपपुर, शाजापुर, शहडोल, मऊगंज और पांढुर्णा में विभिन्न धाराओं के अंतर्गत एफआईआर दर्ज कराई गई हैं।
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