
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। प्रदेश में अगले साल से शासकीय विभागों के रिक्त पदों पर भर्तियां संशोधित नियमों से होंगी। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (पीएससी) और कर्मचारी चयन मंडल (पीईबी) के नियमों में संशोधन की तैयारी अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। मुख्य सचिव अनुराग जैन के साथ सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों की अंतिम दौर की बैठक के बाद मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के सामने नियमों में संशोधन का प्रारूप प्रस्तुत किया जाएगा।
संभावना जताई जा रही है कि दिसंबर में कैबिनेट से संशोधित नियमों को स्वीकृत कराकर साल 2026 से लागू कर दिया जाएगा। प्रदेश में अगले साल स्वास्थ्य, शिक्षा, गृह सहित अन्य विभागों की लगभग 60 हजार पदों पर भर्तियां प्रस्तावित हैं। इन्हें समय सीमा में पूरा करने के लिए आवश्यक है कि भर्ती की प्रक्रिया तेजी के साथ हो। अभी मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग हो या फिर कर्मचारी चयन मंडल, साल भर चयन के लिए परीक्षाएं आयोजित करते हैं। इनमें समय और संसाधन दोनों लगते हैं।
मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव ने निर्देश दिए हैं कि प्रक्रिया संघ लोक सेवा आयोग जैसी होनी चाहिए यानी एक परीक्षा से विभिन्न संवर्गों की भर्ती हो जाए। यही पद्धति लागू करने की तैयारी है। सामान्य प्रशासन विभाग ने दोनों एजेंसियों के नियमों का अध्ययन करने और वरिष्ठ स्तर पर चर्चा के बाद प्रस्तावित किया है कि एक समान प्रकृति के पदों की परीक्षा एक बार हो। इसके लिए विभागों से रिक्त पदों के प्रस्ताव लेकर परीक्षा की जाए और चयन के लिए आरक्षण व्यवस्था के अनुसार मेरिट लिस्ट तैयार कर सार्वजनिक कर दी जाए। प्राथमिकता के अनुसार विभागों में नियुक्तियां हो जाएं। इसके लिए एक पोर्टल भी तैयार किया जाएगा, जिसमें रिक्तियों से लेकर सभी जानकारियां रहेंगी।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि एक बार भर्ती के लिए पात्रता प्राप्त करने लेने के बाद उसे दो वर्ष तक चयन का अवसर मिलेगा यानी प्रावीण्य सूची दो वर्ष तक मान्य रहेगी।
सूत्रों का कहना है कि भर्ती परीक्षा के लिए विभागों के नियम में भी परिवर्तन होगा। सामान्य प्रशासन विभाग माडल नियम तैयार करेगा और विभाग इन्हें अपने हिसाब से संशोधित करके लागू करेंगे।