लाई हरोबा अनुष्ठान अपने अंतिम दौर में
-लाई हरोबा अनुष्ठान अपने अंतिम दौर में -इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में मणिपुर के लाई हरोबा अनुष्ठान का आयोजन भोपाल। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में गुरुवार को मणिपुर के मेतेई समुदाय के सबसे बड़े त्यौहार लाई हरोबा अनुष्ठान से जुड़ी गतिविधियां हुईं। अनुष्ठान पुनीत वन में आयोजित किया गया। लाई हरौबा का शाब्दिक अर्थ भग
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Publish Date: Fri, 26 Oct 2018 09:22:10 AM (IST)
Updated Date: Fri, 26 Oct 2018 09:22:10 AM (IST)

-इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में मणिपुर के लाई हरोबा अनुष्ठान का आयोजन
भोपाल। नवदुनिया रिपोर्टर
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में गुरुवार को मणिपुर के मेतेई समुदाय के सबसे बड़े त्यौहार लाई हरोबा अनुष्ठान से जुड़ी गतिविधियां हुईं। अनुष्ठान पुनीत वन में आयोजित किया गया। लाई हरौबा का शाब्दिक अर्थ भगवान और देवियों को खुश करना है। यह अनुष्ठान साल में मई व जून और अक्टूबर और नवम्बर में समुदायों के द्वारा किया जाता है। जो इन दिनों अपने अंतिम चरण में है।
-अनुष्ठान का चौथा दिन
लाई हरोबा उत्सव के चौथे दिन अनुष्ठान की शुरूआत सुबह से हुई। अनुष्ठान में उमंग लाई के प्रवेश द्वार पर समक्ष बैठकर याकाईरोल गीत गाया गया। अनुष्ठान के बाद लाई-बोउ नृत्य किया गया। नृत्य में कई भाव और शैलियों ने दर्शकों को प्रभावित किया। अनुष्ठान के अंतिम चरण में कागलेई थोकपा नृत्य होता है। जिसमें अपने चेहरे को एक पर्दे से ढंका जाता है। इस तरह देवता का आमंत्रित किए जाते हैं। समुदाय के सदस्य अपना जीवन देवताओं को समर्पित करते हैं। अनुष्ठान में परिधान धारण कर संगीत, नृत्य एवं पारंपरिक गीत गाए जाते हैं। इस मौके पर मणिपुर के मेतेई समुदाय के सदस्य बड़ी संख्या में मौजूद थे। संग्रहालय में अनुष्ठान के लिए सुबह से ही गतिविधियां की गईं। देवताओं को आमंत्रित करने का अनुष्ठान किया गया।