राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। विदिशा के सिरोंज में वर्ष 2019 से 2021 के बीच विवाह सहायता योजना में हुए फर्जीवाड़े के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भोपाल, विदिशा, कटनी, छतरपुर में सात स्थानों पर छापेमारी की है। धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रविधानों के अंतर्गत यह तलाशी अभियान चलाया गया।
तलाशी जारी
मामले में आरोपित जनपद पंचायत सिरोंज के तत्कालीन मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) शोभित त्रिपाठी और अन्य जुड़े स्थानों पर छापेमारी की गई। तलाशी के दौरान संपत्ति के कागजात, डिजिटल उपकरणों सहित विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए। वहीं, शोभित त्रिपाठी और अन्य के 21.7 लाख रुपये के बैंक खाते और म्युचुअल फंड फ्रीज कर दिए गए, यानी कोर्ट से निर्णय होने तक इस राशि का उपयोग नहीं किया जा सकेगा।
ईडी ने आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल में शोभित त्रिपाठी और अन्य के विरुद्ध दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। आरोप है कि शोभित व अन्य ने मध्य प्रदेश सरकार की विवाह सहायता योजना में 5923 संदिग्ध विवाहों के नाम पर लगभग 30.18 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की।
जांच में क्या पता चला
जांच में सामने आया कि शोभित त्रिपाठी ने डेटा एंट्री ऑपरेटर योगेंद्र शर्मा और हेमंत साहू के साथ मिलीभगत कर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए निर्माण श्रमिकों के परिवारों को लाभ पहुंचाने के लिए मूल रूप से आवंटित धनराशि का दुरुपयोग किया। जाली और मनगढ़ंत दस्तावेज तैयार कर पोर्टल पर अपलोड किए गए। इनका अवैध उपयोग कर अपात्र आवेदकों के बैंक खातों में सरकारी धनराशि ट्रांसफर कर दी गई। बाद में एटीएम के माध्यम से कई किश्तों में इसे निकाल लिया गया।
निकाली गई राशि को शोभित त्रिपाठी, उनके परिवार के सदस्यों और अन्य संबंधित व्यक्तियों/संस्थाओं के बैंक खातों में जमा कर दिया गया। ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि शोभित त्रिपाठी ने अपने रिश्तेदारों और उनके व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के बैंक खातों का इस्तेमाल अपराध की आय को वैध दिखाने के लिए किया। इस राशि का उपयोग विभिन्न भुगतानों में, शेयर बाजार, म्युचुअल फंड और अचल संपत्तियों के अधिग्रहण में निवेश के रूप में किया गया।