
Medical College in MP: नवदुनिया राज्य ब्यूरो, भोपाल। मध्य प्रदेश में वर्ष 2013-14 में 12 मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस की 1700 सीटें थीं। अब निजी और सरकारी मिलाकर 27 कालेजों में चार हजार 800 सीटें हैं। इसके बाद भी हम अन्य बड़े राज्यों की तुलना में काफी पीछे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा हाल ही में लोकसभा में दी गई जानकारी में सामने आया है कि कनार्टक में सर्वाधिक 70 मेडिकल कालेज हैं।
जहां एमबीबीएस की 11 हजार 745 सीटें हैं। इसके बाद महाराष्ट्र के 68 कालेजों में 10 हजार 845, आंध प्रदेश के 37 कालेजों में छह हजार 485, गुजरात के 40 कालेजों में 7150 और राजस्थान के 35 कालेजों में 5275 एमबीबीएस सीटें हैं। इसी प्रकार हम एमडी-एमएस की सीटों में भी पीछे हैं।

कालेज जिनमें प्रवेश हो रहा :
भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, सागर, शहडोल, विदिशा, रतलाम, दतिया, खंडवा, शिवपुरी, छिंदवाड़ा और सतना।
केंद्र प्रवर्तित योजना से अगले दो वर्ष में शुरू होंगे यहां पर कालेज
- मंदसौर, नीमच, राजगढ़, सिंगरौली, श्योपुर एवं मंडला।
राज्य प्रवर्तित योजना से (पहला चरण)
- सिवनी, छतरपुर, बुधनी, उज्जैन और दमोह।
राज्य प्रवर्तित योजना से (दूसरा चरण)
- खरगोन, धार, मुरैना, भिंड, बालाघाट, टीकमगढ़ और सीधी।
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मध्य प्रदेश में वर्ष 1956 तक पांच मेडिकल कालेज थे। इसके 50 वर्ष तक यानी वर्ष 2006 तक कोई मेडिकल कालेज नहीं खुला। 2007 में सागर में बुंदेलखंड मेडिकल कालेज की स्थापना हुई। यहां 2009 से एमबीबीएस में प्रवेश शुरू हुआ। इसके बाद से 25 नए सरकारी कालेज स्वीकृत हो चुके हैं। इस दौरान अन्य राज्यों में लगातार कालेज खुलते रहे, जिससे वे आगे निकल गए।