अतीक अहमद, मंडीदीप। अगर प्रवासी पक्षियों को देखना हो तो मंडीदीप के नजदीक दाहोद एवं रातापानी सेंचुरी के जलाशय में इन दिनों मेहमान पक्षियों का जमावड़ा लगा हुआ हैं। उनका कलरव बरबस ही आकर्षित करने पर मजबूर कर रहा है। अभ्यारण्य के जलाशयों एवं वृक्षों पर पक्षी सुबह सूरज की किरणों के साथ जब चीं-चीं करते हैं तो लगता है कि ईश्वर की नायाब कृति अपना आभार जताने आइ है। झील में परदेसी परिंदों की अठखेलियां होती हैं। रातापानी और दाहोद की मनमोहक वादियों में हर दिन पक्षियों की संख्या बढ़ रही है। खुशनुमा मौसम की आहट से मेहमान परिंदे भी उत्साहित हैं। पक्षी सात समुंदर पार हजारों मील का सफर तय कर यहां शीत प्रवास के लिए आ रहे हैं। विदेशी पक्षियों की कलरव से सेंचुरी गुलजार होने लगी है।
दोनों स्थानों पर लगभग 40 प्रजातियों से अधिक सैकड़ों देशी-विदेशी पक्षी डेरा जमाए हुए हैं। इनमें प्रदेश का राज्य पक्षी दूधराज भी शामिल है। अपनी विशेष खूबियों के कारण इस अभ्यारण्य को बाम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी (बीएनएचएस) ने इंपोर्टेंट बर्ड एरिया (आइबीए) घोषित किया है। वन अधिकारी कार्तिकेय शुक्ला बताते हैं की सेंचुरी में रेड क्लिक उचार्ड, ग्रेलगूज, कॉमनटील, स्पेल बिल डक, कामन पोचाल्ड, स्पून बिल, ओपनबिल स्टार्क, ब्लैक नेक स्टार्क, बैंडेड स्टार्क मेलार्ड, पिनटेल (सींकपर), शोवलर (तिदारी) पेंटेड़ स्टोर्क सारस परिवार का पक्षी है, यह दक्षिण पूर्व एशिया से आता है। ब्लैक रम्पड फ्लेमबैक हिमालय के दक्षिण और पूर्व से आता है। वहीं अल्ट्रामरीन फ्लाई कैचर एक छोटा वृक्षीय पक्षी है, यह भी हजारों किलोमीटर का लंबा सफर तय करके यहां आता है। कूट और स्पाटबिल्ड (लद्दीम)आदि परिंदे शीत प्रवास के लिए यहां आते हैं। इनके आने का सिलसिला पिछले माह से शुरू हो चुका है। ये यहां फरवरी-मार्च तक प्रवास करेंगे।
कहां-कहां से आते हैं पक्षी
यह पक्षी साइबेरिया, अफगानिस्तान एवं रशिया सहित अन्य देशों से यहां आते हैं। पक्षी विशेषज्ञ मो. खलील ने बताया कि जब यह देश पूरी तरह से बर्फ की चपेट में होते हैं और भोजन जम जाता है, तो यह पक्षी भारत और अन्य इलाकों की ओर रुख करते हैं। उन्हें हमारे यहां की जलवायु बेहद आकर्षित करती है। रातापानी के अधीक्षक बताते हैं कि विदेशी पक्षियों के लिए यहां अनुकूल तापमान रहता है। यही कारण है सेंचुरी जलाशय में मेहमान पक्षियांे के झुंड बड़ी संख्या में आते हैं। कब देख सकते हैं पक्षी
पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार सर्दी में पक्षियों को देखने का समय सुबह आठ से दस बजे और दोपहर साढ़े तीन बजे से सूरज अस्त होने तक का है। रातपानी डेम के पास जाकर इन्हें देखा जा सकता है। प्रबंधन ने पर्यटकों के लिए एंट्री
फीस तय की है। इनका कहना है।
यहां का शांत माहौल और तापमान प्रवासी पक्षियों के अनुकूल होने से मेहमान पक्षियों की कई प्रजातियां मौजूद हैं, यह कुछ समय बाद वापस चले जाएंगे।
विजय सिंह, वन मंडलाधिकारी औबेदुल्लागंज