.webp)
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। राजधानी भोपाल के बड़े तालाब की रौनक गुरुवार को कुछ अलग ही थी। हल्की लहरों के बीच जब रंग-बिरंगे शिकारे एक-एक कर पानी पर तैरने लगे तो कश्मीर के श्रीनगर की डल झील जैसा दृश्य उपस्थित हो गया। जल पर्यटन को बढ़ावा देने राज्य सरकार ने कोलकाता से 20 शिकारा (विशेष नाव) मंगवाई है। इनका संचालन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में शुरू किया गया। उन्होंने शिकारा की सवारी की और तैरते हुए शिकारा से वस्त्र और जैविक उत्पाद भी खरीदे, जिस तरह पर्यटक डल झील में खरीदारी करते हैं। यहां चार और छह सीटर शिकारा उपलब्ध हैं।
.jpg)
बीस मिनट के लिए छह सीटर शिकारा का किराया 450 रुपये और चार सीटर शिकारा का किराया 300 रुपये है। हर शिकारा कश्मीरी शैली में ही सजाया गया है। इनका निर्माण 'फाइबर रीइन्फोर्स्ड पालीयूरीथेन' और उच्च गुणवत्ता वाली नान-रिएक्टिव सामग्री से हुआ है। यह पानी के साथ किसी भी प्रकार की रासायनिक क्रिया नहीं करती।
.jpg)
इससे बड़े तालाब की पारिस्थितिकी और जल की शुद्धता सुरक्षित रहेगी। इनका संचालन मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि बड़ा तालाब शहर की पहचान है और शिकारे इसकी खूबसूरती को अलग स्तर पर ले जाएंगे।
मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि शिकारा सेवा प्रदेश में जल-पर्यटन का केंद्र बनेगी। इससे राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिलेगी।
भोपाल बन रहा जल पर्यटन का नया केंद्र...
आज माननीय विधानसभा अध्यक्ष श्री @nstomar जी, हरियाणा के माननीय विधानसभा अध्यक्ष श्री @HarvinderKalyan जी और भाजपा मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष श्री @Hkhandelwal1964 जी की गरिमामयी उपस्थिति में बोट क्लब, भोपाल में 20 शिकारा नावों का शुभारंभ… pic.twitter.com/F748gNenII
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) December 4, 2025
प्रदेशवासी पर्यटन सेवा का लाभ उठाने के लिए आगे आएं। नर्मदा घाटी सहित प्रदेश की बड़ी-बड़ी जल परियोजनाओं के माध्यम से पर्यटकों को आकर्षित करने वाली गतिविधियों को बढ़ाया जा रहा है। राज्य सरकार पर्यटन क्षेत्र में विकास के नए कीर्तिमान बना रही है। पिछले एक साल में उज्जैन आने वाले पर्यटकों की संख्या सात करोड़ के पार पहुंच गई।