भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) कार्यालय भोपाल के अंतर्गत स्काउट गाइड जिला संघ के सचिव रहे गौरव शुक्ला द्वारा करीब एक करोड़ स्र्पये का गबन सामने आने के बाद प्रदेश के सभी डीईओ कार्यालय में ऑडिट किया जाएगा। साथ ही जिला स्काउट गाइड में कैश का काम कोई भी निजी व्यक्ति नही करेगा। यह निर्देश राज्य मंत्री स्कूल शिक्षा इंदर सिंह परमार ने दे दिए है। साथ ही कई जिले के डीईओ कार्यालय के 12 कर्मचारियों को हटा दिया गया। जानकारी के मुताबिक स्काउट गाइड द्वारा निजी व सरकारी स्कूलों से स्काउट की गतिविधियों के संचालन के लिए निर्धारित शुल्क लिया जाता है। स्काउट गाइड की हर जिले में एक कमेटी होती है। इस कमेटी का जिला आयुक्त पदेन जिला शिक्षा अधिकारी होता है। इस कमेटी में सचिव, कोषाध्यक्ष के साथ कार्यकारिणी सदस्य होते है। भोपाल जिले की कमेटी में पूर्व डीईओ धर्मेंद्र शर्मा ने निजी व्यक्ति गौरव शुक्ला को सचिव के पद पर पदस्थ कर दिया था। गौरव शुक्ला ने फर्जी हस्ताक्षर कर लेकर करीब एक करोड़ स्र्पये का गबन कर दिया। मामले में टीटी नगर थाना पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामला सामने आने के बाद राज्य मंत्री स्कूल शिक्षा इंदर सिंह परमार ने साफ निर्देश दे दिए है कि स्काउट गाइड की जिला कमेटी में कोई भी निजी व्यक्ति कैश का काम नहीं करेगा। वहीं स्काउट गाइड के आयुक्त ने सभी डीईओ कार्यालय में स्काउट गाइड कमेटी का आडिट कराने के निर्देश दे दिए हैं। आडिट होने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी। वहीं भोपाल जिला स्काउट गाइड कमेटी में सचिव के पद पर निजी व्यक्ति ने एक करोड़ का गबन किया, लेकिन राज्य मुख्यालय में ही सेवानिवृत हो चुके अधिकारी को सचिव के पद पर नियुक्त किया गया है। इन्हीं की देखरेख में जिला कमेटी में ऑडिट का काम होता है।
राज्य मुख्यालय ने पहले भी नहीं पकड़ी ऑडिट में गड़बड़ी
राज्य मुख्यालय द्वारा जिला स्काउट गाइड कमेटी का ऑडिट किया जाता है। राज्य मुख्यालय में लेखाधिकारी के नेतृत्व में ही कमेटी जिला स्तर ऑडिट करती है। पहले भी इनके द्वारा भोपाल जिले में ऑडिट किया गया था, लेकिन गड़बड़ी को अनदेखा कर दिया। अब फिर से राज्य मुख्यालय के इन्हीं लोगों के द्वारा जिला में फिर से ऑडिट कराया जा रहा है। पूर्व में जब इन अधिकारियों ने गड़बड़ी को अनदेखा कर दिया तो अब सही जांच कैसे हो सकेगी।