राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल : मध्य प्रदेश में वर्ष 2016 में शिवराज सरकार द्वारा बनाई पर्यटन नीति ही यथावत रहेगी। मोहन सरकार ने इसी नीति को आगामी पांच वर्ष तक प्रभावी रखने का निर्णय लिया है। वर्ष 2019 में कमल नाथ सरकार ने इसमें आंशिक बदलाव किया था, इसके बाद अब तक कोई बदलाव नहीं किया गया।
दरअसल, शिवराज सरकार ने जो नीति तैयार की गई थी, उसकी अवधि पांच वर्ष रखी गई थी। यह अवधि समाप्त हो चुकी है। इसे देखते हुए सरकार ने नीति को आगामी संशोधन तक जारी करने के आदेश जारी कर दिए हैं। पर्यटन नीति में 19 पर्यटन परियोजनाएं स्वीकृत हैं।
नीति में होटल, हेल्थ, वेलनेस सेंटर, रिसोर्ट, केंपिंग साइट्स, टेंट साइट्स, मोटल/वे साइड एमेनिटीज, हेरीटेज होटल, कन्वेंशन सेंटर, म्यूजियम एक्वेरियम, थीम पार्क, बेड एंड ब्रेक फास्ट, गोल्फ कोर्स, रोप-वे शामिल हैं।
वाटर पार्क, स्पोर्ट्स, एम्युजमेंट पार्क, केरेवान टूरिज्म, क्रूज टूरिज्म, हाउस बोट, फिल्म स्टूडियो, एडवेंचर स्पोर्ट्स, साउंड एंड लाइट शो एवं अन्य केंद्र या राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित पर्यटन गतिविधियां शामिल हैं।
वर्तमान में लागू पर्यटन नीति में पर्यटन के क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने वे कई प्रविधान है, जिसकी आवश्यकता है इसलिए इसको यथावत रखा गया है। यह नीति मध्य प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में निवेश बढ़ाने में मददगार है।
इस नीति के प्रविधानों से छह रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव में निवेशकों व उद्योगपतियों को अवगत कराया गया गया। शहडोल में होने वाले कान्क्लेव में भी पर्यटन क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं का प्रस्तुतीकरण दिया जाएगा।
वहीं 24 और 25 फरवरी को भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में निवेशकों को भी पर्यटन क्षेत्र में निवेश लिए आमंत्रित किया जाएगा।