भोपाल (नईदुनिया प्रतिनिधि)। मध्य प्रदेश में फार्मासिस्ट के एक हजार से अधिक पद खाली हैं, लेकिन भर्ती की सूचना महज तीन पदों के लिए निकाली गई है। इस बात से प्रदेश भर में कार्यरत फार्मासिस्टों में नाराजगी है। इस क्षेत्र में पढ़ाई कर भर्ती की अपेक्षा करने वाले हजारों अभ्यर्थी मायूस हैं। वहीं सरकारी अस्पतालों के दवा वितरण केंद्रों में पद खाली होते जा रहे हैं, जिसके कारण मरीजों को समय पर दवाइयां नहीं मिल रही हैं। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अंबर चौहान व प्रदेश मीडिया प्रभारी राजवीर त्यागी ने बताया कि विभाग में कार्यरत फार्मासिस्ट सेवानिवृत्त होते जा रहे हैं। शुक्रवार को व्यावसायिक परीक्षा मंडल (पीईबी) ने ग्रुप पांच की भर्ती परीक्षा के लिए सूचना जारी की है, जिसमें फार्मासिस्ट के महज तीन पद पर भर्ती किए जाने का जिक्र है। उनका कहना है कि फार्मासिस्टों की कमी के कारण नर्सेस स्टाफ दवा वितरण का काम संभाल रहा है।
ऐसे में महज तीन पदों पर भर्ती की सूचना हास्यास्पद है। एसोसिएशन का कहना है कि कुछ सीएमएचओ द्वारा स्वास्थ्य विभाग को भेजी गई रिक्त पदों की जानकारी में भी पद खाली होने का जिक्र है। यदि भर्ती सूचना में संशोधन कर पदों की संख्या नहीं बढ़ाई गई तो प्रदेश भर में विरोध दर्ज कराएंगे।
जिलों ने नहीं भेजी रिक्त पदों की जानकारी
मध्य प्रदेश में एक वर्ष के भीतर एक लाख रिक्त पदों पर भर्ती की तैयारी की जा रही है। इसके लिए सभी जिलों से रिक्त पदों की जानकारी मांगी गई है जो अभी तक शासन को प्राप्त नहीं हुई है। राज्य संवर्ग के पदों की स्थिति जरूर स्पष्ट हो गई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने सोमवार को रिक्त पदों की स्थिति का आकलन करने के लिए फिर बैठक बुलाई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी विभागों को रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों से रिक्त पदों की जानकारी मांगी थी।
राज्य संवर्ग के एक लाख दो हजार रिक्त पदों की जानकारी विभाग को मिल गई है लेकिन जिला संवर्ग के पदों की स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है। सोमवार को बैठक में रिक्त पदों की स्थिति और भर्ती संबंधी प्रस्ताव की तैयारी की समीक्षा की जाएगी। सभी विभागों से कहा गया है कि वे भर्ती नियमों के अनुसार प्रस्ताव तैयार करके राज्य लोक सेवा आयोग या कर्मचारी चयन मंडल को भेजें ताकि भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ हो सके।