राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल (MP Salary Hike)। मध्य प्रदेश के साढ़े सात लाख नियमित सरकारी कर्मचारियों और साढ़े चार लाख पेंशनरों को आठवें वेतनमान का वेतन और पेंशन देने के हिसाब से बजट अनुमान तैयार करवाया जा रहा है। केंद्र सरकार आठवां वेतनमान देने के लिए आयोग गठित कर अध्यक्ष की नियुक्ति कर चुकी है।
वेतन और पेंशन में 15 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना जताई जा रही है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार भी आगामी वर्षों का बजट अनुमान तैयार करवा रही है। इसके लिए समिति भी बना दी गई है।
प्रदेश में अभी अधिकारियों-कर्मचारियों और पेंशनरों को सातवें वेतनमान के हिसाब से भुगतान किया जा रहा है। इस पर वर्षभर में कुल बजट का लगभग 33 प्रतिशत हिस्सा व्यय होता है।
सातवें वेतनमान की अवधि दिसंबर 2025 में समाप्त हो रही है। संभावना है कि आठवां वेतन आयोग इसके पहले अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप सकता है। इसके स्वीकार होने के बाद राज्य उसे लागू करेंगे।
इसके लिए सबसे पहले राज्य अपनी वित्तीय स्थिति देखेंगे और जो फार्मूला केंद्रीय कर्मचारियों के लिए निर्धारित किया गया है, उस पर विचार होगा। आमतौर पर सरकार वेतन और पेंशन वृद्धि के लिए फार्मूला स्वीकार कर लेती है, लेकिन भत्तों में काट-छांट कर दी जाती है। सातवें वेतनमान में 2.75 के फार्मूले से वृद्धि दी गई थी यानी मूल वेतन में 2.75 का गुणा करके वेतनमान निर्धारित हुआ था। तब सात से 18 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन में वृद्धि हुई थी।
आठवें वेतनमान में महंगाई आदि पहलुओं को देखकर इसे तीन से सवा तीन प्रतिशत रखा जा सकता है। इससे प्रदेश में स्थापना व्यय पर सरकार प्रतिवर्ष जो 33 प्रतिशत बजट व्यय कर रही है, वह बढ़कर 37 से 40 प्रतिशत तक हो सकता है। अभी वित्त विभाग ने सभी विभागों को प्रतिवर्ष के हिसाब से तीन प्रतिशत वेतन वृद्धि मानकर स्थापना व्यय के प्रस्ताव बनाने के लिए कहा है।