MP Assembly Election 2023: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान, इसके बाद मध्य प्रदेश में भी तैयारी
MP Assembly Election 2023: 15वीं विधानसभा का कार्यकाल इसी साल दिसंबर में समाप्त हो रहा है। अक्टूबर तक जारी हो सकती है चुनाव अधिसूचना।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Wed, 29 Mar 2023 01:01:00 PM (IST)
Updated Date: Wed, 29 Mar 2023 01:17:31 PM (IST)

MP Assembly Election 2023: भोपाल। चुनाव आयोग ने कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया है। कर्नाटक चुनाव संपन्न होने के बाद इस साल के अंत तक मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे राज्यों में भी विधानसभा चुनाव होंगे। मध्य प्रदेश की अगर बात करें तो यहां विधानसभा की 230 सीटें हैं। फिलहाल मप्र में 15वीं विधानसभा काबिज है, जिसका कार्यकाल इसी साल दिसंबर में समाप्त हो रहा है। इससे पहले 16वीं विधानसभा का गठन करना होगा, जिसके लिए नवंबर तक चुनाव होंगे।
चुनाव आयोग ने शुरू की तैयारियां
राज्य निर्वाचन आयोग ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। माना जा रहा है कि अक्टूबर तक राज्य में चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है और यहां दो या तीन चरणों में मतदान कराया जा सकता है और दिसंबर के पहले हफ्ते तक नतीजे आ सकते हैं, ताकि इसके तुरंत बाद 16वीं विधानसभा का गठन किया जा सके। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस साल एक जनवरी को मतदाता सूची जारी करने के साथ 05 जनवरी को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया था। प्रदेश में कुल 64100 बूथों पर विधानसभा चुनाव के लिए मतदान कराया जाएगा। राज्य में कुल 5 करोड़ 39 लाख 85 हजार 876 मतदाता हैं, जो नई सरकार का चयन करेंगे।
वर्ष 2018 के चुनाव में यह थी स्थिति
मप्र की 15वीं विधानसभा के गठन के लिए 230 सीटों पर नवंबर 2018 में एक चरण में चुनाव संपन्न हुए थे। चार अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावो के साथ 11 दिसंबर 2018 को चुनाव नतीजे घोषित हुए, जिसमें 114 सीटें जीतने के साथ कांग्रेस सबसे बड़े राजनैतिक दल के रूप में उभरी और उसने बसपा, सपा व निर्दलीय विधायकों के सहयोग से सरकार बनाई। भाजपा को इन चुनावों में 109 सीटों पर जीत मिली थी, जो बहुमत के आंकड़े से 07 कम था। बसपा को दो और सपा को एक सीट मिली। इसके अलावा चार निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचने में कामयाब रहे।
2020 में हुआ उलटफेर
प्रदेश में 15 साल के बाद सत्ता में वापस आई कांग्रेस कमल नाथ के नेतृत्व में महज सवा साल सरकार चला पाई और मार्च 2020 में उस समय यहां उपचुनाव आवश्यक हो गए, जब इस पार्टी के ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के 6 मंत्रियों सहित 22 विधायकों ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया और भाजपा मे शामिल हो गए। बाद में 3 और विधायक भाजपा मे शामिल हो गए। इससे कमल नाथ सरकार अल्पमत में आ गई। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में एक बार फिर भाजपा सरकार का गठन हुआ। इसके अलावा 3 सीटें विधायकों के निधन से ख़ाली हो गईं। इसके बाद रिक्त सीटों पर उपचुनाव हुए और १० नवंबर 2020 को आए नतीजों में २८ में से भाजपा को १९ तथा कांग्रेस को ९ सीटों पर जीत मिली। इस प्रकार आठ महीने पुरानी शिवराज सरकार को सदन में स्पष्ट बहुमत प्राप्त हो गया।