भोपाल (नईदुनिया स्टेट ब्यूरो)। होशंगाबाद जिले का नाम नर्मदापुरम करने की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के बाद कलेक्टर ने प्रस्ताव बनाकर राजस्व विभाग को भेज दिया है। अब राजस्व विभाग इसका परीक्षण कर केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजेगा। जिले का नाम बदलने के साथ रेलवे स्टेशन और डाकघर का नाम भी बदलना होगा। इसकी अनुमति केंद्र सरकार देगी। राजस्व विभाग के अधिकारियों का कहना है जल्द ही औपचारिकताएं पूरी कर प्रस्ताव भेज दिया जाएगा।
होशंगाबाद का नाम नर्मदापुरम करने के पक्ष में जिला प्रशासन ने तर्क दिया है कि यह शहर नर्मदा नदी के किनारे बसा है और यहां विशाल सेठानी घाट है। विभिन्न त्यौहारों और नर्मदा जयंती पर प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने आते हैं। भारतीय गजेटियर होशंगाबाद के अनुसार आलम खान गौरी सन् 1406 में गद्दी पर बैठा था, जिसने हुशंगशाह की पदवी धारण करके होशंगाबाद बसाया था। हुशंगशाह के नाम के अनुरूप ही होशंगाबाद नाम रखा गया था। नर्मदापुरम नाम से पड़ोसी राज्य में भी कोई शहर नहीं है। होशंगाबाद शहर का नाम पूर्व बंदोबस्त 1889 के राजस्व अभिलेखों में भी होशंगाबाद ही दर्ज है। नाम और प्रस्तावित नाम नर्मदापुरम करने की वजह जनभावना है। नर्मदा तट पर प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु आते हैं। नर्मदापुराण में होशंगाबाद का नाम नर्मदापुर उल्लेखित है। शहर में कई प्राचीन धार्मिक मंदिर/घाट हैं। इनता सुंदर और विशाल घाट भारत में कहीं नहीं है। पुरातत्व एवं संग्रहालय होशंगाबाद द्वारा एक ताम्रपत्र के आधार पर नर्मदापुरम की पहचान वर्तमान होशंगाबाद नगर की है। परमान राजा उदय वर्मा के ताम्रपत्र से यह स्पष्ट हो जाता है कि परमार काल तक होशंगाबाद का नाम नर्मदापुरम प्रचलन में था।
कलेक्टर कार्यालय ने प्रस्ताव में बताया गया है कि नगर पालिका होशंगाबाद की साधारण बैठक 28 जनवरी 2003 और विशेष बैठक 21 फरवरी 2006 को होशंगाबाद शहर का नाम नर्मदापुरम रखने का संकल्प पारित करके सहमति दी थी। नाम परिवर्तन के साथ ही रेलवे स्टेशन और डाकघर का नाम भी बदलना पड़ेगा। रेलवे स्टेशन शहर के बीच में है।
राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी का कहना है कि जिला प्रशासन से प्रस्ताव मिल गया है। परीक्षण करके इसे जल्द ही केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज दिया जाएगा। अन्य किसी शहर या जिले का नाम परिवर्तन का प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है।