पेपरलेस और डिजिटल होगी MP विधानसभा, मंत्री-विधायकों को ई-विधान की मिलेगी ट्रेनिंग
बजट सत्र से पहले नेशनल ई-विधान परियोजना लागू की जाएगी। इसके लिए 23 दिसंबर को मंत्री व विधायकों को विधानसभा के मानसरोवर सभागार में प्रशिक्षण दिया जाएगा ...और पढ़ें
Publish Date: Fri, 19 Dec 2025 06:58:58 PM (IST)Updated Date: Fri, 19 Dec 2025 07:04:03 PM (IST)
मध्य प्रदेश विधानसभा भवन।HighLights
- मंत्री-विधायकों को ई-विधान का दिया जाएगा प्रशिक्षण
- सदन में विधायकों की टेबल पर लगाया जाएगा टैबलेट
- बजट सत्र से पहले नेशनल ई-विधान परियोजना होगी लागू
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। नए साल में मध्य प्रदेश विधानसभा पूरी तरह से डिजिटल और पेपरलेस होगी। विधानसभा के बजट सत्र में डिजिटल व्यवस्था देखने को मिलेगी। विधायकों को टैबलेट दिए जाएंगे, उनके प्रश्नों के उत्तर भी डिजिटल ही प्राप्त होंगे। मप्र का बजट उप मुख्यमंत्री व वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा टैबलेट पर ही पड़ेंगे। सदन के अंदर विधायकों की टेबल पर एक-एक टैबलेट लगाया जाएगा।
बजट सत्र से पहले नेशनल ई-विधान परियोजना लागू की जाएगी। इसके लिए 23 दिसंबर को मंत्री व विधायकों को विधानसभा के मानसरोवर सभागार में प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण भारत सरकार के संसदीय कार्य मंत्रालय के विशेषज्ञ देंगे। इस महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रम में सभी विधायकों की उपस्थिति अनिवार्य की गई है।
इस संबंध में विधानसभा के प्रमुख सचिव अरविंद शर्मा ने विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के निर्देश पर सभी विधायकों को पत्र जारी किया है। बता दें कि अब तक 23 प्रदेशों के 25 सदनों ने केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित ई-विधान परियोजना लागू करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। देश के 14 से अधिक प्रदेशों के सदनों में यह परियोजना लागू की जा चुकी है।
यह है ई-विधान योजना
- नेशनल ई-विधान परियोजना (नेवा) भारत सरकार की एक ई-गवर्नेस पहल है, जिसका लक्ष्य देश की सभी विधानसभाओं को पूरी तरह से डिजिटल और पेपरलेस बनाना है, ताकि विधायी कार्य (जैसे प्रश्नोत्तर, विधेयक, रिपोर्ट) एक साझा डिजिटल प्लेटफार्म पर हों, जिससे पारदर्शिता और दक्षता बढ़े।
इसे एक राष्ट्र, एक एप्लीकेशन के सिद्धांत पर बनाया गया है। यह डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का हिस्सा है।
इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार के संसदीय कार्य मंत्रालय को नोडल विभाग बनाया गया है।
कुल परियोजना लागत का 60 प्रतिशत अंश केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत राज्य सरकार वहन करेगी। जिलों में एनआईसी सेंटर को बनाया नोडल ट्रेनिंग एजेंसी
- ई-विधान परियोजना में एनआईसी का जिला स्तर तक सहयोग लिया जाएगा।
- इस परियोजना को लागू करने के लिए विधायकों की समिति भी बनाई गई थी।
- समिति ने उन राज्यों का दौरा भी किया जहां इस परियोजना को सफलतापूर्वक लागू किया जा चुका है।
- ई-विधान परियोजना के लिए साइबर सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
- टैबलेट, नेटवर्क और ई-लर्निंग एवं ई-फेसिलिटी एनआइसी सेंटर पर विकसित किया जाएगा।
- विधायकों की सुविधा के लिए एनआइसी सेंटर को नोडल ट्रेनिंग एजेंसी के तौर पर रखा जाएगा।
- इससे विधायक सुविधाजनक तरीके से इस सेवा का लाभ उठा सकेंगे।