SIR के दूसरे चरण में बूथ स्तर पर ताकत झोंकेगी भाजपा, इन सीटों के लिए बनाया विशेष प्लान
मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का पहला चरण पूरा होने के बाद अब दूसरे चरण में राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं। भाजपा बूथ स्तर पर दावे-आपत्तियां और नए ...और पढ़ें
Publish Date: Tue, 23 Dec 2025 08:11:57 AM (IST)Updated Date: Tue, 23 Dec 2025 08:11:57 AM (IST)
एसआइआर पर भाजपा ने बनाया विशेष प्लान। (फाइल फोटो)HighLights
- प्रारूप सूची प्रकाशन के बाद दलों की भूमिका बढ़ी।
- भाजपा बूथ स्तर पर फर्जी नामों पर आपत्ति करेगी।
- कम अंतर वाली सीटों पर भाजपा का विशेष फोकस।
भोपाल, नईदुनिया प्रतिनिधि। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) का पहला चरण पूरा हो चुका है। अब तक इस प्रक्रिया केवल चुनाव आयोग और उनके बीएलओ की ही भूमिका रही है। मंगलवार को मतदाता सूची के प्रारूप का प्रकाशन होगा। इस दूसरे चरण में राजनीतिक दलों की भूमिका बढ़ गई है। खासतौर से भारतीय जनता पार्टी इस चरण में बूथ स्तर पर सक्रिय भागीदारी निभाएगी।
पार्टी की तैयारी है कि किसी भी चुनाव से पहले जिस तरह बूथ में पेज प्रभारी एक-एक मतदाता से संपर्क करते थे, ठीक उसी तरह वे पेज के हर मतदाता की पहचान कर उन नामों पर आपत्ति प्रस्तुत करेंगे, जो फर्जी हैं या 2003 के बाद जोड़े गए हैं और उनका पुराना कोई रिकार्ड नहीं है। इसी तरह जिन युवाओं के नाम सूची में शामिल नहीं है, उनके नाम भी सूची में जुड़वाए जाएंगे।
भाजपा ने प्रभारी, विधायकों व सांसदों को दिए निर्देश
- भाजपा ने संगठन के सभी प्रभारी, विधायक और सांसदों को निर्देश दिए हैं कि वे एसआइआर के दूसरे चरण में दावे-आपत्ति और नाम जुड़वाने के काम को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। एसआइआर के दूसरे चरण को भाजपा ने अपनी चुनावी रणनीति का आधार मानकर तैयारियां आरंभ कर दी है।
- मध्य प्रदेश में वर्ष 2023 का विधान सभा चुनाव हो या फिर 2024 के लोक सभा चुनाव में जिन-जिन विधान सभा सीटों पर भाजपा को कम वोट मिले थे या जीत का अंतर कम था, ऐसी सीटों को चिन्हित किया गया है। वर्ष 2023 के विधान सभा चुनाव में भाजपा ने 230 सीटों में से 163 सीटों पर विजय प्राप्त की थी।
कांग्रेस की 66 सीटें ऐसी हैं, जहां भाजपा ने विशेष रणनीति बनाते हुए हारी हुई सीटों पर सांसदों, विधायकों पदाधिकारियों और मंडल स्तर के जिम्मेदार पदाधिकारियों को एसआइआर के लिए लगाया गया है। भाजपा ने उन सीटों पर सबसे अधिक फोकस बढ़ाया है, जहां दो हजार से कम अंतर से पार्टी को हार मिली थी।
पार्टी ने जिलाध्यक्षों से लेकर पन्ना प्रमुखों तक को लक्ष्य दिया है कि हर पात्र परिवार तक पहुंचकर नए मतदाताओं के नाम जुड़वाएं। बूथ स्तर पर निगरानी बढ़ाएं, नए मतदाताओं के पंजीकरण में सक्रिय सहयोग दें और संशोधन फार्मों की त्रुटियां समय रहते ठीक कराएं। कांग्रेस भी करेंगे बूथ स्तर पर मतदाताओं का सत्यापन
मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने भी सभी 1,047 संगठनात्मक ब्लाक में एक-एक वरिष्ठ नेताओं को उतारने की तैयारी की है। ये पूरे क्षेत्र में एक माह तक सक्रिय रहकर मतदाता सूची के सत्यापन का काम देखेंगे। बूथ स्तर पर कार्यकर्ता मतदाता सूची में दर्ज नाम का सत्यापन करेंगे। इसमें यह देखा जाएगा तो नाम सूची में आए हैं, वह वास्तव में सही हैं या नहीं। जो नाम काटे गए हैं, वे सही हैं या नहीं।