डिजिटल डेस्क। मध्य प्रदेश कांग्रेस ने सभी संगठनात्मक 71 जिलों में नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की घोषणा कर दी है। कांग्रेस ने लंबे इंतजार के बाद शनिवार को शहर व ग्रामीण क्षेत्र के नगर अध्यक्षों की सूची जारी की। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को गुना जिले का दायित्व सौंपा गया है। इंदौर नगर निगम नेता प्रतिपक्ष पर कार्यरत चिंटू चौकसे को शहर कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया। वही आगर-मालवा के पूर्व विधायक विपिन वानखेड़े को ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया। चौकसे के पास अब दोहरी जिम्मेदारी हो गई है। ऐसे में एक पद व एक विधान के फार्मूला को लागू किया जाएगा। यहां देखें पूरी सूची।
अंतत: अब राजगढ़ जिले की कांग्रेस खिलचीपुर महल से चलेगी। पार्टी को मजबूत करने व भाजपा के वर्तमान गढ़ को भेदने के लिए अब कांग्रेस को महल से आस है। इसीलिए पार्टी ने पूर्व मंत्री व खिलचीपुर रियासत से आने वाले प्रियव्रतसिंह को राजगढ़ का जिलाध्यक्ष बनाया है। उनके अध्यक्ष बनाए जाने के साथ ही जिले के कांग्रेसियों में उत्साह का संचार हो गया।उल्लेखनीय है कि कांग्रेस संगठन द्वारा लंबे समय की जदोजहद के बाद अंतत: शनिवार शाम को अपने नए कप्तानों के नामों का एलान कर दिया। जिसमें राजगढ़ जिले से सबसे सीनियर लीडर पूर्व मंत्री व खिलचीपुर रियासत से आने वाले प्रियव्रतसिंह को कमान सौंपी है। पहली बार किसी राजपरिवार से आने वाले सदस्य को जिलाध्यक्ष की कमान सौंपी है। जिले व क्षेत्रवासियों की महल के प्रति अलग ही लगाव है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बड़े नेता को कमान सौंपने के पीछे मुख्य मकसद यह है कि कांग्रेस जिले में मजबूत हो व मजबूत सत्तापक्ष पर भी दबाव बना रहे। खास बात यह है कि नवदुनिया ने अपने 15 अगस्त के अंक में प्रियव्रतसिंह को जिलाध्यक्ष बनाए जाने की संभावना व्यक्त की थी।
वर्तमान में राजगढ़ जिले में विधानसभा की पांचों सीटों से भाजपा के विधायक हैं। सांसद भी भाजपा के रोडमल नागर हैं। जिले में नारायणसिंह पंवार व गोतम टेटवाल को भाजपा ने मप्र सरकार में मंत्री बनाकर जिले में मजबूत पकड़ बनाने का प्रयास किया है।
उधर जिले से आने वाले मोहन नागर को जन अभियान परिषद उपाध्यक्ष बनाया है। ऐसे में एक बार फिर से जिले में कांग्रेस को मजबूत करने व सत्तापक्ष के बड़े कुनबे को चुनौती देने, सरकार पर जिले में दबाव बनाने के उद्देश्य से कांग्रेस ने अपने सीनियर लीडर प्रियव्रतसिंह को कमान सौंपी है।
राहुल गांधी, दिग्विजयसिंह व जीतू पटवारी के खासप्रियव्रतसिंह की पकड़ बड़े लीडरों से है। वह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह के पारिवारिक सदस्य हैं। पहली बार 2003 में दिग्विजयसिंह ने अपने ही विधायक हजारीलाल दांगी का टिकट काटकर प्रियव्रतसिंह को विधानसभा टिकट देकर राजनीति में उतारा था।
उनकी राहुल गांधी से निकटता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राहुल गांधी उन्हें युवक कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष, युकां राष्ट्रीय महासचिव बना चुके हैं।
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष बना चुके हैं। वर्तमान में बिहार में राहुल गांधी की वोट चोरी यात्रा के प्रभारी हैं। जीतू पटवारी व प्रियव्रतसिंह साथ विधायक रहे इसलिए आपसी बातचीत बिना औपचारिकता के होती है।
प्रोफाइल नाम-प्रियव्रतसिंह, नवनियुक्त जिलाध्यक्ष
जन्म-5 दिसंबर 1977, 47 वर्ष शिक्षा-स्नातक, डेली कॉलेज इंदौर
मप्र कांग्रेस ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आदरणीय मल्लिकार्जुन खड़गे जी के मार्गदर्शन एवं नेता प्रतिपक्ष, जननायक राहुल गांधी जी की मंशानुरूप मध्यप्रदेश में संगठन सृजन अभियान के तहत जिला अध्यक्षों के निर्वाचन की प्रक्रिया संपन्न हुई।
यह सम्पूर्ण प्रक्रिया गहन विचार-विमर्श, सांगठनिक मूल्यों और लोकतांत्रिक परंपराओं का पालन करते हुए सफलतापूर्वक पूर्ण की गई। इस अभियान के अंतर्गत नव-निर्वाचित जिला अध्यक्षों का चयन किया गया, जो संगठन की मजबूती और विस्तार में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर सिद्ध होगा।
सभी नव-निर्वाचित जिला अध्यक्षों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। पूर्ण विश्वास है कि आप सभी प्रदेश प्रभारी
हरीश चौधरी जी एवं प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी जी की आशाओं के अनुरूप कांग्रेस की विचारधारा को जन-जन तक पहुँचाते हुए अपने-अपने जिलों में संगठन को नई ऊर्जा प्रदान करेंगे और संगठन सृजन अभियान की सार्थकता को धरातल पर साकार करेंगे।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आदरणीय मल्लिकार्जुन खड़गे जी के मार्गदर्शन एवं नेता प्रतिपक्ष, जननायक श्री राहुल गांधी जी की मंशानुरूप मध्यप्रदेश में संगठन सृजन अभियान के तहत जिला अध्यक्षों के निर्वाचन की प्रक्रिया संपन्न हुई।
यह सम्पूर्ण प्रक्रिया गहन विचार-विमर्श,… pic.twitter.com/U6y2kXUB2L
— MP Congress (@INCMP) August 16, 2025